जम्मू हमले के दो दिन बाद पीएम मोदी की उच्च स्तरीय बैठक, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अजीत डोभाल शामिल हुए
जम्मू हमले के दो दिन बाद पीएम मोदी की उच्च स्तरीय बैठक, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अजीत डोभाल शामिल हुए
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाईलेवल मीटिंग
- रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा
- रक्षा मंत्री
- गृह मंत्री और एनएसए अजीत डोभाल शामिल हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के दौरान, रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और सशस्त्र बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर चर्चा हुई। यह बैठक पिछले हफ्ते जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन हमले की पृष्ठभूमि में हुई है।
PM @narendramodi holds high-level meeting with Defence Minister @rajnathsingh, Union Home Minister @AmitShah and NSA Ajit Doval, discussions held on futuristic challenges in the defence sector.
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 29, 2021
बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के हाई सिक्योरिटी टेक्निकल एरिया में 26-27 जून की दरम्यानी रात को दो विस्फोट हुए थे। पहला धमाका 1:37 बजे हुआ जबकि दूसरा 1:42 बजे। इस विस्फोट में भारतीय वायु सेना के दो जवानों को मामूली चोटें आईं थी। एक ने इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचाया जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में फट गया। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आईईडी) को गिराने के लिए लो-फ्लाइंग ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। संभावित लक्ष्य वहां खड़े हेलीकॉप्टर थे। इस मामले में अब तक दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
इस मामले में वायुसेना स्टेशन के पास सतवारी इलाके में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। जम्मू के सतवारी पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। विस्फोट के बाद भारतीय वायु सेना के इंटरनल असेसमेंट के अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम वायु सेना स्टेशन पर पहुंच गई थी। एजेंसी और पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। सबूत जुटाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की टीम और स्पेशल फोर्स की टीम भी स्टेशन पहुंच गई छी। इनिशिअल असेसमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के अंदर एक इमारत की छत में एक बड़ा छेद बताता है कि ड्रोन का उपयोग करके हवाई हमला हेलीकॉप्टरों को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल दिलबाग सिंह ने इन विस्फोटों को टेरर अटैक करार दिया था। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि ड्रोन को हमले वाली जगह के पास से ही कुछ लोग चला रहे हो। उन्होंने कहा कि साजिश भले ही सीमा पार से की गई हो, लेकिन इसे अंजाम देने वाले सीमा के भीतर मौजूद होंगे। अन्य सूत्रों ने यह भी कहा है कि यह थ्योरी कि ड्रोन भारत के बाहर से आया हो, इसकी आशंका कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि एयरफोर्स स्टेशन और बॉर्डर के बीच जितनी दूरी है उस दूरी में इसे डिटेक्ट ना किया जा सके ऐसी संभावना बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ड्रोन को जम्मू शहर के भीतर से ऑपरेट किया गया था।