बिना योजना के स्कूल खोलने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर
पश्चिम बंगाल बिना योजना के स्कूल खोलने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर
- कोविड-19 गाइडलाइन के बगैर 9 से 12 तक की कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया गया
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार के 16 नवंबर से स्कूल खोलने के फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। कहा गया है कि छात्रों को कोविड-19 से बचाव के उपाय किए बिना कक्षा 9 से 12 तक शुरू करने का फैसला लिया गया है।
जनहित याचिका में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन और मामले में सरकार को आवश्यक सिफारिशें करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि 18 वर्ष की आयु तक के छात्रों को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है और शारीरिक कक्षाएं केवल उनके बीच कोविड-19 संचरण की संभावना को बढ़ाएगी, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाएगी।
याचिकाकर्ता सुदीप घोष चौधरी, पेशे से वकील हैं। उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया कि राज्य सरकार कक्षा 9 से 12 तक बिना किसी योजना के स्कूल खोलने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन और वेस्ट बंगाल काउंसिल फॉर हायर सेकेंडरी एग्जामिनेशन ने एक साथ अधिसूचना में, कोविड-19 प्रोटोकॉल के रखरखाव पर कुछ दिशानिर्देशों के साथ 16 नवंबर से कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश की। इसने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक छात्रों के लिए अलग-अलग समय स्लॉट निर्दिष्ट किए।
राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, सुबह 9.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक कक्षा 9 व 11 की कक्षाएं लगेंगी और कक्षा 10 और 12 सुबह 10.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक। पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों की सफाई और सफाई के लिए 109 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
(आईएएनएस)