भावुक हुए नितिन पटेल, बोले किसी से कोई शिकवा-गिला नहीं
गुजरात राजनीति भावुक हुए नितिन पटेल, बोले किसी से कोई शिकवा-गिला नहीं
- नितिन पटेल ने भावुक होते हुए कहा कि पार्टी को 30 साल दिए हैं
- भावुक हुए नितिन पटेल
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अचानक मुख्यमंत्री की कुर्सी बदल कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया। विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया है। इस रेस में उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा था। लेकिन इस बार भी नितिन पटेल रेस से बाहर हो गये। अब खबरें आ रही है कि वो पार्टी से नाराज हैं। हालांकि सोमवार को भावुक होकर नितिन पटेल ने किसी भी तरह की नाराजगी को नकार दिया।
Bhupendra Patel is my old family friend. I congratulated him. We will be happy to see him take oath as CM. He has also asked for my guidance whenever needed: Gujarat Deputy CM Nitin Patel pic.twitter.com/1ihmI1OGlf
— ANI (@ANI) September 13, 2021
पार्टी के फैसले से खुश हूं- नितिन
गुजरात के नवागत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार सुबह जाकर नितिन पटेल से उनके आवास पर मुलाकात किया। इस बीच नितिन पटेल ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को 30 साल दिए हैं, ऐसे में उन्हें पार्टी से कोई गिला-शिकवा नहीं है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल यह भी कहा कि पिछले 30 साल में मुझे पार्टी ने काफी कुछ दिया है। वह नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में रहे, बाद में आनंदी बेन की कैबिनेट में और फिर विजय रूपाणी के कार्यकाल में वह डिप्टी सीएम रहे।
बोले किसी से कोई नाराजगी नहीं
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि भूपेंद्र पटेल उनके पुराने दोस्त हैं। मैंने उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने मुझसे मार्गदर्शन मांगा है, ऐसे में उन्हें शपश लेते देख मुझे काफी खुशी होगी। नितिन पटेल ने कहा कि मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं हैं। जब वह 18 साल के थे तब से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। कोई पद मिले या नहीं मिले, वह हमेशा पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। गौरतलब है कि गुजरात में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले ही बीजेपी ने अपना मुख्यमंत्री बदल लिया है और पटेल समुदाय के भूपेंद्र पटेल को मौका दिया गया है। नितिन पटेल का नाम इस बार भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में था, जब आनंदी बेन हटाई गयी थी तब भी नितिन पटेल का नाम रेस में था। लेकिन विजय रूपाणी को मौका दिया गया था।