पत्थरबाजों पर फायरिंग मामला - सेना पर दर्ज हुई एक और FIR
पत्थरबाजों पर फायरिंग मामला - सेना पर दर्ज हुई एक और FIR
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। सुरक्षाबलों की पत्थरबाजों पर की गई गोलाबारी को लेकर जम्मू-कश्मीर में सेना के खिलाफ एक और FIR दर्ज की गई है। कुलगाम में सेना की 10वीं गढ़वाल यूनिट के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज हुई है। सेना की ओपन फायरिंग में 22 साल के एक युवक के घायल होने के मामले में यह एफआईआर हुई है। पिछले एक सप्ताह में सेना के खिलाफ एफआईआर का यह दूसरा मामला है। इससे पहले शोपिया में 10 गढ़वाल राइफल के सैनिकों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने जवानों के खिलाफ हत्या (302) और हत्या की कोशिश (307) का केस दर्ज किया था।
ये है मामला
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को 200 से 250 पत्थरबाज सेना के काफिले को निशाना बना रहे थे। शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सुरक्षा बलों के एक काफिले पर पत्थरबाजों ने पथराव किया था। जवाबी कार्रवाई में सेना को फायरिंग करनी पड़ी थी। फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में सेना के मेजर समेत कुछ सैनिकों पर FIR दर्ज की है। जम्मू-कश्मीर सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं।
पीडीपी-बीजेपी में दरार
इस मामले पर पिछले तीन दिनों से जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान चल रहा है। विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जहां इस मामले में पत्थरबाजों के साथ खड़ी है। वहीं बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में भी इस मामले पर टकराव है। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के विपरीत बयानबाजी कर रहे हैं। पीडीपी नेता जहां इस मामले में पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं बीजेपी ने सेना की कार्रवाई को बिल्कुल जायज ठहराया है। बीजेपी ने यह भी मांग की है कि इस मामले में सेना के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की जानी चाहिए थी।बीजेपी नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा है कि हम इस तरह किसी को भी इस बात की इजाजत नहीं दे सकते कि कोई सेना की मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा को धूमल कर सके। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेन्स के विधायक मोहम्मद सागर ने शोपियां में दो नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार सेना के अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सीएम महबूबा मुफ्ती का क्या है कहना
जम्मू-कश्मीर सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले पर सोमवार को विधानसभा में सफाई पेश की थी। उन्होंने कहा था, "FIR रक्षामंत्री से बात करने के बाद दर्ज की गई है। हम इस मामले को किसी नतीजे तक ले जाना चाहते हैं। इसका मकसद सेना के मनोबल पर असर डालना नहीं है।" उन्होंने कहा था इस मामले में जांच जरूरी है ताकि सच सामने आए, इसमें कुछ गलत नहीं है।
सेना का पक्ष
सेना का मानना है कि इस घटना में सैनिकों ने कुछ गलत नहीं किया है। सैनिकों ने अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई है और कश्मीर में सेना के पास इसका विशेषाधिकार है। सैन्य सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि जिस मेजर के खिलाफ इस मामले में FIR दर्ज कराई गई है। उस समय घटनास्थल पर नहीं थे। बल्कि वह वहां से करीब 200 मीटर दूर थे।