India-Nepal Dispute: दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर होगी! सिंतबर में बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक

India-Nepal Dispute: दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर होगी! सिंतबर में बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-21 05:11 GMT
India-Nepal Dispute: दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर होगी! सिंतबर में बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर बाउंड्री वर्किंग ग्रुप (BWG) की बैठक होने वाली है। अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में ये बैठक होगी। जानकारों का मानना है कि ये बैठकें दोनों देशों के बीच के रिश्तों को फिर से ठीक करने की दिशा में अहम कदम हैं। इससे पहले 15 अगस्त को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा और पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत की थी, जिसने दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को थोड़ा कम किया।

2014 में गठित किया गया था BWG
भारत के सर्वेयर जनरल के नेतृत्व में, BWG विदेश सचिवों की बैठक से अलग है। विदेश सचिवों की बैठक कालापानी सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए है। जबकि BWG की बैठक बाउंड्री वर्क की समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मैकेनिज्म है। BWG को 2014 में भारत और नेपाल की सरकारों ने गठित किया था। इस एजेंसी को गठित करने का मकसद "नो-मैन्स लैंड’ के क्लीयरेंस और अन्य तकनीकी कार्यों सहित बाउंड्री पिलर के निर्माण और मरम्मत के क्षेत्र में काम करना है। BWG ने अब तक छह बैठकें की हैं। साल 2017 में, दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों के बाउंड्री वर्क को पूरा करने की योजना को अंतिम रूप दिया था। 

इस वजह से बढ़ा दोनों देशों के बीच विवाद
BWG की आखिरी बैठक देहरादून में पिछले साल 28 अगस्त को हुई थी। लेकिन उसके तीन महीने बाद ही यानी नवंबर में भारत की ओर से जारी नए नक्शे में कालापानी को अपने क्षेत्र में बताए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तकरार तेज हो गई। इसके बाद 8 मई को जब भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया तो ये तकरार और भी ज्यादा बढ़ गई। भारत के इस कदम से नेपाल नाराज हो गया और प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा ने उनके देश का एक नया नक्शा जारी कर दिया। इस नक्शे में भारत के कंट्रोल वाले कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया। जिस हिस्से को लेकर विवाद चल रहा है वो करीब 335 स्क्वायर किलोमीटर का है।

जून में नेपाल के नए पॉलिटिकल नक्शे को मंजूरी मिली
जून में नेपाल की संसद ने नए पॉलिटिकल नक्शे के लिए लाए गए संवैधानिक संशोधन बिल को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी। नए नक्शे को मई में नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने जारी किया था। नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए 27 मई को संसद में प्रस्ताव भी रखा जाना था। लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से इसे हटा दिया। हालांकि इसके बाद कानून मंत्री शिवा माया तुंबामफे ने 31 मई को विवादित नक्शे को लेकर संशोधन विधेयक नेपाली संसद में पेश किया था।

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