मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: दोषी ब्रजेश ठाकुर का बिहार की राजनीति में था दखल, मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: दोषी ब्रजेश ठाकुर का बिहार की राजनीति में था दखल, मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
- 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट में हुआ था मामले का खुलासा
- दिल्ली के साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया
- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में छात्राओं के यौन उत्पीड़न का लगा था आरोप
डिजिटल डेस्क, पटना। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए एक गैर सरकारी संगठन (NGO) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया है। इस फैसले का बिहार के कई राजनीति दलों ने स्वागत किया है। कोर्ट से दोषी पाए जाने के बाद यह तय है कि ब्रजेश ठाकुर को कठोर सजा मिलेगी। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब ब्रजेश की सत्ता तक पहुंच और धमक थी। सत्ता में इसकी पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब यह मामला सामने आया था, तब बिहार के तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि ब्रजेश ने वर्ष 1987 में सेवा संकल्प एवं विकास समिति के नाम से एनजीओ की स्थापना की। वर्ष 2013 में इसी एनजीओ को मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम के रखरखाव की जिम्मेदारी मिली थी। आगे चलके इसी शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया, जो बहुचर्चित विषय बना। इसका खुलासा तब हुआ जब बिहार सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) द्वारा बालिका गृह का सर्वेक्षण करवाया।
बिहार सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में TISS ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में यौन शोषण का खुलासा कर दिया। इसके बाद शेल्टर होम की 42 लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया, जिसमें 34 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। इस मामले में 31 मई, 2018 को 12 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद ब्रजेश पर शिकंजा कसने लगा। उससे जुड़े अधिकारियों और नेताओं में हड़कंप मच गया। उस समय की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के साथ भी ब्रजेश ठाकुर का नाम जुड़ा, जिसके बाद मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा।
अखबार के जरिए नेताओं तक बनाई पहुंच
मुजफ्फरपुर से लेकर पटना की राजनीतिक गलियारों तक में ब्रजेश की पहुंच थी। कहा जाता है कि ब्रजेश ठाकुर प्रात: कमल नाम से अपना एक अखबार चलाया करता था, जिसके सिलसिले में वह मंत्रियों और अधिकारियों से मिलता रहता था और उनसे संपर्क बनाता था। ब्रजेश के अखबार को सरकारी विज्ञापन भी खूब मिलते थे। ब्रजेश विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन हार गया था।
नेताओं ने फैसले का स्वागत किया
अदालत का फैसला आने के बाद भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि दोषियों को कठोर सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज स्पष्ट हो गया है कि कानून के हाथ काफी लंबे होते हैं। इधर, JDU के प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाएगा, तो उसे भी सजा मिलेगी।
तेजस्वी यादव ने दागे सवाल
इधर, राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में ट्वीट किया कि, आखिरकार नीतीश कुमार के परम शिष्य ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में दोषी पाया गया, लेकिन वो मूंछ और पेट-तोंद वाले अंकल कहां छुपा दिए गए? फिर तत्कालीन मंत्री मंजू वर्मा को क्यों बर्खास्त किया गया था? बाकी एनजीओ संचालकों का क्या हुआ? नीतीश जी जवाब दें।