बिहार में सरकारी बालिका गृह से नेताओं के घर भेजी जाती थीं लड़कियां
बिहार में सरकारी बालिका गृह से नेताओं के घर भेजी जाती थीं लड़कियां
- एनजीओ द्वारा संचालित सरकारी बालिका गृह से बच्चियों को नेताओं और अधिकारियों के घर भेजा जाता था।
- बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी बालिका गृह की लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का खुलासा हुआ है।
- यह खुलासा होते ही जिले में हड़कंप मच गया है।
डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी बालिका गृह की लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का खुलासा हुआ है। यह खुलासा होते ही जिले में हड़कंप मच गया है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने मामले को गंभीर बताया है। बताया जा रहा है कि एनजीओ द्वारा संचालित सरकारी बालिका गृह से बच्चियों को नेताओं और अधिकारियों के घर भेजा जाता था। यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
एसएसपी हरप्रीत कौर ने शुरू की जांच
एक संस्था ने अपने सर्वे रिपोर्ट में यह बताया है कि मुजफ्फरपुर के इस बालिका गृह में बच्चियों के साथ शोषण किया जाता है। इस रिपोर्ट को आधार मानते हुए प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही मामले की छानबीन भी शुरू कर दी गई है। एसएसपी हरप्रीत कौर ने मामला दर्ज होने के बाद बालिका गृह में जाकर मुआयना भी किया। इस रिपोर्ट ने पूरे जिला प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं।
Tata Institute of Social Sciences, Mumbai in an audit report revealed that minor girls living at government children home located at Sahu Road under Town police station area in Muzaffarpur are subjected to sexual assault
— ANI Digital (@ani_digital) June 3, 2018
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बता दें बालिका गृह में अपनों से बिछड़ी व भूली-भटकी नाबालिग लड़कियों को रखा जाता है। इस बालिका गृह में रेड लाइट एरिया से मुक्त करवाई लड़कियों को भी रखा गया था। पुलिस का कहना है कि लड़कियों से जब पूछा गया कि उनके साथ यौन शोषण हुआ है या नहीं? तो उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न की घटनाएं उनके साथ हुई हैं। हालांकि इस बिन्दु पर नहीं पूछा गया था कि बालिका गृह में आने से पहले या फिर बाद में उनके साथ ऐसा हुआ। इसी वजह से पूरे मामले में इतना बड़ा मोड़ आया है।
एनजीओ के मालिक के राजनीतिक दलों से संपर्क
रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियां पटना से लेकर सभी शहरों में भेजी जाती थीं। यह बालिका गृह एक एनजीओ के जरिए संचालित होते हैं। इस एनजीओ का मालिक एक राजनीतिक दल से भी है। पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई की "कोशिश" टीम ने साहू रोड स्थित उक्त बालिका गृह में बालिकाओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का खुलासा हुआ है। इस बालिका गृह से लड़कियों को रसूखदारों के घर भेजा जाता था। पटना से लेकर सभी शहरों में लड़कियां भेजी जाती थीं। खुलासे के बाद पता चला है कि यह बालिका गृह एक एनजीओ चलाता था जिसके मालिक का संपर्क एक राजनीतिक दल से भी है।
बेनकाब हो सकते हैं पॉलिटिशियन
इस खुलासे में यह भी पता चला है कि लड़कियों का इस्तेमाल टेंडर लेने के लिए भी होता था। जिसके बाद कई बड़े अधिकारी और पॉलिटिशियन भी बेनकाब हो सकते हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा है कि मैं खुद इस मामले की जांच करूंगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। इसके साथ ही सभी बालिकाओं को यहां से हटाकर दूसरी जगह रखने के लिए कहा गया है। बालिका गृह से सभी 44 बालिकाओं को बुधवार को पटना, मोकामा एवं मधुबनी भेज दिया गया। इनमें 16 पटना, 14 मोकामा एवं 14 मधुबनी स्थानांतरित की गईं।