MP Politics: सिंधिया पर बोले दिग्विजय- महाराज से नहीं थी ऐसी उम्मीद, पार्टी और गांधी परिवार को दिया धोखा
MP Politics: सिंधिया पर बोले दिग्विजय- महाराज से नहीं थी ऐसी उम्मीद, पार्टी और गांधी परिवार को दिया धोखा
- ट्वीट कर कहा
- महाराज से ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी
- दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर तोड़ी चुप्पी
- सिंह ने तंज कसते हुए कहा
- कुछ लोगों के लिए विचारधारा से ज्यादा जरूरी सत्ता की भूख है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद से सियासी घमासान जारी है। सिंधिया के इस कदम को लेकर कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं से भी लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन हर कोई जवाब देने से बचता नजर आया। सिंधिया के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा, महाराज से ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ गांधी परिवार को धोखा दिया है। इतना ही नहीं सिंह ने सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि, कुछ लोगों के लिए विचारधारा से ज्यादा जरूरी सत्ता की भूख है।
I never expected Maharaj (Sorry as I myself come from a feudal background I don"t address him as Jyotiraditya) to cross over and ditch Congress and Gandhi Family and for what? Rajya Sabha and Cabinet berth under ModiShah? Sad never expected this from him.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 14, 2020
"सिंधिया से कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी"
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि महाराज कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार को धोखा देंगे, वो भी किसके लिए? मोदी-शाह के तहत राज्यसभा और कैबिनेट में जगह के लिए? मुझे दुख है, कभी उनसे यह उम्मीद नहीं की थी।
But then Hunger of Power is more important to some than Credibility and Ideology the very essence of a Healthy Democracy. I don"t agree to Sangh/BJP at all but admire their commitment to their Ideology.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 14, 2020
"विश्वसनीयता और विचारधारा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी"
दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "लेकिन कुछ लोगों के लिए विश्वसनीयता और विचारधारा जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है इसकी बजाय सत्ता की भूख ज्यादा जरूरी है। मैं संघ/बीजेपी से बिलकुल सहमत नहीं हूं लेकिन उनकी विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूं।