विश्वभर के कई देशों में मंकीपॉक्स ने बरपाया कहर, भारत में भी मंकीपॉक्स ने दी दस्तक! 

भारत में मंकीपॉक्स विश्वभर के कई देशों में मंकीपॉक्स ने बरपाया कहर, भारत में भी मंकीपॉक्स ने दी दस्तक! 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-04 11:13 GMT
विश्वभर के कई देशों में मंकीपॉक्स ने बरपाया कहर, भारत में भी मंकीपॉक्स ने दी दस्तक! 
हाईलाइट
  • दुनियाभर में 782 केस मंकीपॉक्स के सामने आए
  • मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले ब्रिटेन में देखा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस वक्त पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। इसी बीच विश्वभर के कई देशों में एक नई बीमारी ने जन्म ले लिया है, जो कोरोना से भी घातक बताया जा रहा है। इस बीमारी का नाम मंकीपॉक्स है। जिसकी शुरूआत ब्रिटेन से हुई है। पहले वहां के लोग मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हुए हैं। अब भारत में भी इस बीमारी ने दस्तक दे दिया है। हालांकि अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। एएनआई न्यूज के मुताबिक, गाजियाबाद में मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक संदिग्ध व्यक्ति का नमूना परीक्षण के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी को लेकर संदेह था, जिसके बाद सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है।

गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले ब्रिटेन में बीते 7 मई को देखा गया था। इस बीमारी का लक्षण एक मरीज में सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। वह मरीज नाइजीरिया की यात्रा से वापस आया था। बताया जा रहा है कि यह बीमारी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है। जिसके बाद लोगों में कोरोना की तरह इसको लेकर भी डर पैदा होने लगा है। 

इन देशों में मंकीपॉक्स ने मचाया कहर

कोरोना जैसी महामारी से कई देश उबरे नहीं कि मंकीपॉक्स ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक विश्वभर के कई देशों में कुल मिलाकर 782 केस मंकीपॉक्स के सामने आए हैं। जिनमें कनाडा से 57, जर्मनी से 43, स्वीडन से 5, फिनलैंड से 2, यूएसए से 22, यूके से 200, पुर्तगाल से 138, स्पेन से 156, मैक्सिको से 1, यूएई से 8, इजराइल से 2, अर्जेंटीना से 2 व आस्ट्रेलिया से 3 केस मिले हैं। सबसे ज्यादा केस ब्रिटेन से सामने आए हैं। मंकीपॉक्स वायरस की वजह से दुनियाभर में एक बार फिर लोगों के मन में डर बन गया है। क्योंकि दुनिया कोरोना की वजह से तबाही देख चुकी है। 

जानें कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स वायरस छुआछूत जैसी ही बीमारी है। इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर या उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तौलिए के दोबारा इस्तेमाल करने से फैलता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट, हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी का कोई अलग से इलाज नहीं है। हालांकि चेचक के खिलाफ टीकाकरण मंकीपॉक्स को रोकने में करीब 85 फीसदी प्रभावी पाया गया है। 

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