नगालैंड में 6 महीने और बढ़ा AFSPA, अशांत और खतरनाक स्थिति को देखते हुए फैसला
नगालैंड में 6 महीने और बढ़ा AFSPA, अशांत और खतरनाक स्थिति को देखते हुए फैसला
- गृहमंत्रालय ने नागालैंड को बताया अफ्सपा की धारा 3 के तहत 'अशांत और खतरनाक'
- दिसंबर के अंत तक लागू रहेगा नागालैंड में AFSPA
- नागालैंड में कई दशकों से लागू है AFSPA
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने सोमवार को पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में फिर से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (अफ्सपा) की अवधि को छह महीने बढ़ा दिया है। ये दिसंबर के अंत तक लागू रहेगा। गृह मंत्रालय ने नगालैंड को अफ्सपा की धारा 3 के तहत "अशांत और खतरनाक" स्थिति में बताते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह अवधि बढ़ाई है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में अपराध बढ़ने की वजह से आर्मी की मदद जारी रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र को लगता है राज्य में सिविल पावर की मदद के लिए आर्मी का इस्तेमाल जरूरी है।
गौरतलब है कि, AFSPA सुरक्षाबलों को कहीं भी ऑपरेशन चलाने और पूर्व सूचना के बिना किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। यह नगालैंड में कई दशकों से लागू है।पहले भी आतंकवादी गतिविधियों और आंतरिक विरोध के चलते नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। सुरक्षा बलों के इन विशेषाधिकारों को देखते हुए उत्तर-पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संगठनों की तरफ से इस कानून को वापस लिए जाने की मांग होती रही है।
नगालैंड से अफस्पा हटाने के लिए तीन अगस्त 2015 को वहां के एक विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम और केंद्र सरकार के बीच समझौते के एक प्रारूप (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट) पर सहमति बनी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उस समझौते पर इस विद्रोही संगठन के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा जबकि केंद्र सरकार की तरफ से वार्ताकार आरएन रवि ने दस्तखत उस पर दस्तखत किए थे। लेकिन फिलहाल वहां इस कानून को हटाने की दिशा में सरकार बढ़ नहीं पाई है।