आपदा प्रबंधन सचिव सहित कई अधिकारी व वैज्ञानिक मौके पर कर रहे निरीक्षण, एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को फ्री फैब्रिकेटेड भवन तैयार करने के निर्देश

जोशीमठ भू- धसाव मामला आपदा प्रबंधन सचिव सहित कई अधिकारी व वैज्ञानिक मौके पर कर रहे निरीक्षण, एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को फ्री फैब्रिकेटेड भवन तैयार करने के निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-06 11:30 GMT
आपदा प्रबंधन सचिव सहित कई अधिकारी व वैज्ञानिक मौके पर कर रहे निरीक्षण, एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को फ्री फैब्रिकेटेड भवन तैयार करने के निर्देश
हाईलाइट
  • जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती

डिजिटल डिस्क, चमोली। शंकराचार्य द्वारा सदियों पूर्व बसाए गए जोशीमठ (ज्योर्तिमठ) नगर मे लगातार हो रहे भू- धसाव के कारण नगर के 561 मकान, होटल व दुकानों में दरारे आ चुकी है। जबकि 77 परिवार मकानों को छोड़कर अन्यत्र सुरक्षित स्थानों मे सिफ्ट हो गए हैं। प्रशासन द्वारा अग्रिम आदेशों तक एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाढ़ जलविद्युत परियोजना तथा मारवाड़ी-हेलग बाईपास मोटर मार्ग निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही एशिया की सबसे लंबी रोपवे जोशीमठ-औली को भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया। जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है।

आज शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ में हो रहे भू धसाव को कैसे रोका जाए। इसको लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। वहीं शहर को बचाने की दिशा में सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ का मौका मुआयना करेंगे और शहर को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

आज गढवाल आयुक्त सुशील कुमार,आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा जोशीमठ में भू-धंसाव का प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। गढ़वाल आयुक्त ने जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के भवन, होटल व अन्य संरचनाओं के तत्काल आंकलन करने के लिए बद्रीनाथ मास्टर प्लान में कार्यरत पीआईयू डिवीजन लोक निर्माण विभाग के सभी तकनीकी कर्मियों को अग्रिम आदेशों तक अधिकृत किया है। इसके साथ ही भू-धसाव की बढ़ती समस्या को देखते हुए जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती के भी निर्देश दिए हैं।

साथ ही प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए हैं। प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है।

भू-धसाव बढ़ने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है। भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

 

आईएएनएस

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