बंगाल में च्रकवात से नुकसान पर रिपोर्ट सौंपने के लिए ममता ने पीएम से की मुलाकात, समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुई
बंगाल में च्रकवात से नुकसान पर रिपोर्ट सौंपने के लिए ममता ने पीएम से की मुलाकात, समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुई
- राज्यपाल ने पीएम के साथ समीक्षा बैठक न करने के लिए बनर्जी की आलोचना की
- इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई
- पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। यास साइक्लोन से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया। लेकिन इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई। इस घटनाक्रम ने केंद्र और ममता बनर्जी के बीच टकराव को बढ़ा दिया है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने पीएम के साथ समीक्षा बैठक न करने के लिए बनर्जी की आलोचना की।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, टकराव का ये रुख राज्य या लोकतंत्र के हित में नहीं है। सीएम और अधिकारियों द्वारा गैर-भागीदारी संवैधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है। वहीं ममता बनर्जी ने कहा, पीएम ने बैठक बुलाई थी। मुझे नहीं पता था कि हमारी बैठक दीघा में है। मैं कलाईकुंड गई और पीएम मोदी को रिपोर्ट देते हुए उनसे दीघा और सुंदरबन के विकास के लिए 20 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ रूपये दोनों के लिए देने को कहा है। मैंने उनके इजाजत ली और वहां से निकल गई।
यास तूफान को लेकर बंगाल में रिव्यू मीटिंग में पीएम, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, सीएम ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री और बंगाल से सांसद देबाश्री चौधरी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मौजूद रहना था। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को भी न्योता दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममता बनर्जी शुभेंदु को दिए न्योते से नाराज थी। ऐसे में पहले ही बता दिया गया था कि ममता बैठक शामिल नहीं होंगी।
इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने चक्रवात के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए भुवनेश्वर में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के उन हिस्सों का हवाई सर्वेक्षण भी किया जो चक्रवात यास से प्रभावित हुए हैं। बैठक के दौरान, ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाले चक्रवातों के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन की मांग की। ओडिशा के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (एसआरसी) पी के जेना ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन पर होने वाले खर्च से निपटने के लिए तत्काल कोई कोष नहीं मांगा।
पीएम मोदी ने तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसमें से 500 करोड़ रुपये तुरंत ओडिशा को डिस्बर्स किए जाएंगे। वहीं पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए घोषित 500 करोड़ रुपये नुकसान के आधार पर जारी किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी। प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।