अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 5 साल की मासूम सहित चार को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने का आरोप, दूषित ब्लड मिलने से एक मासूम की मौत

महाराष्ट्र अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 5 साल की मासूम सहित चार को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने का आरोप, दूषित ब्लड मिलने से एक मासूम की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-26 14:28 GMT
अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 5 साल की मासूम सहित चार को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने का आरोप, दूषित ब्लड मिलने से एक मासूम की मौत
हाईलाइट
  • इस मामले को लेकर खाद्य एंव औषधि विभाग ने भी प्रारंभिक जांच शुरू कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, नागपूर। महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक अस्पताल पर बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल की लापरवाही की वजह से ही यहां कथित तौर पर खून चढ़ाने के बाद चार बच्चे एचआईवी संक्रमित हो गए है। जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गयी है।

बताया जा रहा है कि चारों बच्चों को थैलेसीमिया के इलाज के लिए अस्पताल में खून चढ़ाया गया था। जिसके बाद जांच में बच्चे संक्रमित पाए गए है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के स्वास्थ विभाग ने कहा है कि इसकी जांच उच्च स्तरीय तरीके से करायी जायेगी। सहायक उप निदेशक डॉ. आर के धाकाटे ने कहा कि एचआईवी से चार बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है। हम सभी तरह की जानकारी एकत्र करेंगे और उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। 

 

इस मामले को लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग ने भी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो थैलेसीमनिया के रोगियों को दिए गए खून का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट जल्द ही किया जायेगा। मरीजों का अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर का मानना है कि मरीजों को दूषित खून चढ़ाया गया था।  

बता दें डॉक्टर का कहना है कि इलाज के लिए उनका जब टेस्ट किया गया तब पता चला कि मरीज एचआईवी संक्रमित है। उनका मानना है कि ब्लड बैंक द्वारा  मरीजों को दूषित रक्त दिया गया था तब वह कथित तौर पर एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित पाए गए। उन्होंने कहा कि खून की जांच के करने के लिए  एनएटी परीक्षण करना जरूरी होता है। लेकिन ब्लड बैंक में यह जांच सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों को यह खून चढ़ाया गया और जिससे एचआईवी संक्रमित हो गए।
 

परिजनो का अस्पताल प्रबंधन पर आरोप 

एचआईवी से संक्रमित बच्ची की मां ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि उसकी पांच की बच्ची है जो 9 माह पहले ही एचआईवी संक्रमित हुई है। बच्ची की मां ने कहा कि पहले से ही उसको नेट टेस्टेड ब्लड दिया होता तो उनकी बच्ची आज संक्रमित नहीं होती। 

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