लोकसभा में पास हुआ शस्त्र संशोधन विधेयक, अपराधों पर अंकुश लगाने की कवायद
लोकसभा में पास हुआ शस्त्र संशोधन विधेयक, अपराधों पर अंकुश लगाने की कवायद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को शस्त्र (संशोधन) विधेयक 2019 ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक में प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाइसेंसी हथियारों की संख्या कम करने और कानून के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि बढ़ाने का प्रावधान है। विधेयक का उद्देश्य गैरकानूनी हथियारों से होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के साथ कानून के उल्लंघन पर प्रभावी रोक लगाना है।
शस्त्र (संशोधन) विधेयक 2019 शस्त्र अधिनियम 1959 में संशोधन के तौर पर लाया गया है। इसमें शस्त्र लाइसेंस की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप में हथियार लाइसेंस जारी करने का प्रावधान है। इस विधेयक को 29 नवंबर को पेश किया गया था। इसमें व्यक्तिगत तौर पर प्रयोग होने वाले लाइसेंसधारी हथियारों की संख्या को कम करने और कानून का उल्लंघन करने पर सजा में वृद्धि करने का प्रावधान है।
विधेयक के बारे में बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य कानून व्यवस्था को सही तरीके से बनाए रखना है। मंत्री ने कहा कि विधेयक किसी भी राज्य के अधिकारों को कम नहीं करता है और यह भविष्य के मुद्दों से निपटने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में उन्नति के साथ ही पिछले कुछ वर्षो में अवैध शस्त्रों का चलन बढ़ा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों को दिए जा रहे लाइसेंसों में वृद्धि की गई है, ताकि उन्हें शूटिंग अभ्यास के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े। शाह ने कहा कि सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त होने वालों को चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि विधेयक के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं हुआ जो उन्हें प्रभावित करेगा, क्योंकि वे जिम्मेदार नागरिक हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक में शामिल प्रावधानों के अनुसार जो लोग अवैध हथियार के निर्माण, बिक्री, तस्करी और निर्यात के कामों में शामिल हैं, उन्हें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाएगी। इसके साथ ही प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद रखने की सजा पांच से 10 साल से बढ़ाकर सात से 14 साल तक कर दी गई है। नक्सल इलाकों में पुलिस से हथियार छीनने या चोरी करने से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है।
गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक के अनुसार, अवैध हथियार निर्माता को आजीवन कारावास दिया जाएगा, क्योंकि वे इसे खरीदने वालों की तुलना में अधिक जिम्मेदार हैं।