LIVE: राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास, सरकार के पक्ष में 117 वोट मिले
LIVE: राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास, सरकार के पक्ष में 117 वोट मिले
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। लोकसभा से पास होने के बाद आज (बुधवार) नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया। बिल पर बहस के लिए 6 घंटे तय किए गए हैं। बिल को लेकर सबसे पहले गृहमंत्री शाह ने अपनी बात रखी। सदन में विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। सदन के बाहर भी इस बिल के खिलाफ असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।
LIVE UPDATE
शिवसेना ने वोटिंग का बहिष्कार किया।
बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव गिरा, बिल के पक्ष में 99 जबकि विरोध में 124 वोट पड़े।
नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के बाद अमित शाह
#WATCH: Home Minister Amit Shah speaks on Citizenship Amendment Bill 2019 in Rajya Sabha. https://t.co/0fU9L8qHaR
— ANI (@ANI) December 11, 2019
- ये बिल कभी न लाना पड़ता, ये कभी संसद में न आता, अगर भारत का बंटवारा न हुआ होता। बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं। पिछली सरकारें समाधान लाईं होती तो भी ये बिल न लाना होता।
- नेहरू-लियाकत समझौते के तहत दोनों पक्षों ने स्वीकृति दी कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बहुसंख्यकों की तरह समानता दी जाएगी, उनके व्यवसाय, अभिव्यक्ति और पूजा करने की आजादी भी सुनिश्चित की जाएगी, ये वादा अल्पसंख्यकों के साथ किया गया।
- वहां लोगों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया, उनकी संख्या लगातार कम होती रही। वहीं भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस जैसे कई उच्च पदों पर अल्पसंख्यक रहे। यहां अल्पसंख्यकों का संरक्षण हुआ।
- मैं पहली बार नागरिकता के अंदर संशोधन लेकर नहीं आया हूं, कई बार हुआ है। जब श्रीलंका के लोगों को नागरिकता दी तो उस समय बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी? जब युगांड़ा से लोगों को नागरिकता दी तो बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोगों को क्यों नहीं दी?
- आज नरेन्द्र मोदी जी जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी, जिन्होंने जख्म दिए वो ही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे।
- जब इंदिरा जी ने 1971 में बांग्लादेश के शरणार्थियों को स्वीकारा, तब श्रीलंका के शरणार्थियों को क्यों नहीं स्वीकारा। समस्याओं को उचित समय पर ही सुलझाया जाता है। इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।
- अनुच्छेद 14 में जो समानता का अधिकार है वो ऐसे कानून बनाने से नहीं रोकता, जो रीजनेबल क्लासीफिकेशन के आधार पर है।
- यहां रीजनेबल क्लासीफिकेशन आज यहां है। हम एक धर्म को ही नहीं ले रहे हैं, हम तीनों देशों के सभी अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं और उन्हें ले रहे हैं जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित है।
- यहां रीजनेबल क्लासीफिकेशन आज है। हम एक धर्म को ही नहीं ले रहे हैं, हम तीनों देशों के सभी अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं और उन्हें ले रहे हैं जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित है।
- दो साथी संसद को डरा रहे हैं कि संसद के दायरे में सुप्रीम कोर्ट आ जाएगी। कोर्ट ओपन है। कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जा सकता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिए। हमारा काम अपने विवेक से कानून बनाना है, जो हमने किया है और ये कानून कोर्ट में भी सही पाया जाएगा।
- कांग्रेस पार्टी अजीब प्रकार की पार्टी है। सत्ता में होती है तो अलग-अलग भूमिका में अलग-अलग सिद्धांत होते हैं। हम तो 1950 से कहते हैं कि अनुच्छेद 370 नहीं होना चाहिए।
- कपिल सिब्बल साहब कह रहे थे कि मुसलमान हमसे डरते हैं, हम तो नहीं कहते कि डरना चाहिए। डर तो होना भी नहीं चाहिए। देश के गृहमंत्री पर सबका भरोसा होना चाहिए। ये बिल भारत में रहने वाले किसी भी मुसलमान भाई-बहनों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है।
- कांग्रेस के एक संकल्प को मैं पढ़ता हूं- कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के उन सभी गैर मुस्लिमों को पूर्ण सुरक्षा देने के लिए बाध्य है जो उनकी उनके जीवन और सम्मान की रक्षा के लिए सीमा के उस पार से भारत आए हैं या आने वाले हैं। आज आप अपने ही संकल्प को नहीं मान रहे हैं।
- डॉ. मनमोहन सिंह ने भी पहले इसी सदन में कहा था कि वहां के अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश जैसे देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। अलग उनको हालात मजबूर करते हैं तो हमारा नैतिक दायित्व है कि उन अभागे लोगों को नागरिकता दी जाए।
- पहले भी निश्चित समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने नागरिकता के मामले पर निर्णय लिया है। इस बार भी तीन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार लोगों के लिए ही तीन देशों को शामिल किया गया है। इसमें किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया गया है।
- शिवसेना ने कल लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था। महाराष्ट्र की जनता जानना चाहती है कि रात में ही ऐसे क्या हुआ कि उन्होंने आज अपना स्टैंड बदल दिया?
- इतिहास तय करेगा कि 70 साल से लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया था। इसको न्याय नरेन्द्र मोदी जी ने दिया, इतिहास इसको स्वर्ण अक्षरों से लिखेगा।
- लाखों-करोड़ों लोग नर्क की यातना में जी रहे थे, क्योंकि वोट बैंक के लालच के अंदर आंखे अंधी हुई थी, कान बहरे हुए थे, उनकी चीखें नहीं सुनाई पड़ती थी। नरेन्द्र मोदी जी ने केवल और केवल पीड़ितों को न्याय करने के लिए ये बिल लेकर आए हैं।
- इस बिल में मुसलमानों का कोई अधिकार नहीं जाता। ये नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का बिल नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि भ्रामक प्रचार में मत आइए। इस बिल का भारत के मुसलमानों की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है।
- मुझे आइडिया ऑफ इंडिया समझाने का प्रयास करते हैं। मेरी तो सात पुश्ते यहां जन्मी हैं, मैं विदेश से नहीं आया हूं। हम तो इसी देश में जन्में हैं, यहीं मरेंगे।
- कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तान के नेताओं के बयान कई बार घुल-मिल जाते हैं। कल ही पाकिस्तान के पीएम ने जो बयान दिया और आज जो इस सदन में बयान दिए गए हैं, वो एक समान है।
- एयर स्ट्राइक के लिए जो पाकिस्तान ने बयान दिए वो और कांग्रेस के नेताओं के बयान एक समान हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के समय जो बयान पाकिस्तान के नेताओं और कांग्रेस के नेताओं ने दिए वो एक समान हैं।
- मैं जो बिल लेकर आया हूं वो किसी की भावना को आहत करने के लिए नहीं है। किसी भी धर्म समुदाय के लोगों को दुखी करने के लिए नहीं है।
- 2013-14 में कांग्रेस सरकार के अंतिम बजट में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 3,500 करोड़ रुपए थे। नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में 2019-20 में 4,700 करोड़ रुपए दिए गए। हमारे देश का राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों पर अल्पसंख्यक आसीन हो सकता है।
एनपीएफ नेता KG Kenye
एनपीएफ नेता केजी केन्या ने कहा कि मैं इस विधेयक का समर्थन करता हूं। उत्तर-पूर्व के लोगों का कोई धार्मिक पूर्वाग्रह नहीं है और वे सांप्रदायिक नहीं हैं। यह धर्म, अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक समुदायों के बारे में नहीं है। यह बिल गैर-कानूनी प्रवासियों के लिए है, जो हमारे क्षेत्र में आ गए हैं और हमारी आबादी पर चलने की धमकी दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम
नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह दुखद दिन है कि निर्वाचित सांसदों को कुछ असंवैधानिक करने के लिए कहा जा रहा है। विधेयक वर्तमान में असंवैधानिक हैं। सरकार का कहना है कि 130 करोड़ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं। वहीं पूरा पूर्वोत्तर आग की लपटों में है। इस विधेयक को संसद में पारित होने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। मुझे पूरा यकीन है कि SC के जज इसे खत्म कर देंगे।
Congress leader P Chidambaram on #CitizenshipAmendmentBill: This Bill will be challenged in the Supreme Court if it passes in the Parliament. I am absolutely certain that the judges of SC will strike it down. https://t.co/FZDVqRkVHo
— ANI (@ANI) December 11, 2019
एमडीएमके नेता, वाइको ने कहा -
यदि यह अप्रिय, घृणित, अलोकतांत्रिक, अनुचित, अनुचित, अनुचित, असंवैधानिक विधेयक आज इस राज्य परिषद में पारित हो जाता है, तो यह इस उच्च सदन के इतिहास में एक काला अध्याय बन जाएगा।
Vaiko, MDMK in Rajya Sabha, on #CitizenshipAmmendmentBill2019: If this obnoxious, abominable, undemocratic, unreasonable, unpardonable, unjustifiable, unconstitutional Bill is passed today in this Council of State, it will become a black chapter in the annals of this Upper House pic.twitter.com/uKKVlAQ6D0
— ANI (@ANI) December 11, 2019
असम: गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।
#WATCH Assam: Protests continue against #CitizenshipAmmendmentBill2019, in Guwahati. Police also use tear gas shells to disperse the protesters. pic.twitter.com/5lul19ToTO
— ANI (@ANI) December 11, 2019
राज्यसभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल
जिनके पास भारत का कोई विचार नहीं है, वे भारत के विचार की रक्षा नहीं कर सकते हैं। मुझे समझ नहीं आता कि गृहमंत्री अमित शाह ने कौन सी इतिहास की किताबें पढ़ी हैं। टू नेशन थ्योरी हमारी नहीं है। यह सावरकर की बनाई गई थ्योरी थी। मैं गृहमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह कांग्रेस पर लगाए उस आरोप को वापस लें, क्योंकि हम एक राष्ट्र में विश्वास रखते हैं और आप उस पर विश्वास नहीं करते हैं। गौरतलब है कि राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक की जरूरत नहीं होती, अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन की अनुमति नहीं दी होती।
Kapil Sibal, Congress in Rajya Sabha during discussion on #CitizenshipAmmendmentBill2019 : Those who have no idea of India cannot protect the idea of India. https://t.co/l19Ths6Nid
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Kapil Sibal, Congress on HM Shah"s statement "CAB wouldn"t have been needed if Congress hadn"t allowed partition on basis of religion": I don"t understand which history books the Home Minister has read. Two-nation theory is not our theory. It was perpetrated by Savarkar. pic.twitter.com/I2ayqUOVWB
— ANI (@ANI) December 11, 2019
असम: गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के खिलाफ विरोध जारी है।
Guwahati: Protest against #CitizenshipAmendmentBill2019 continues in #Assam pic.twitter.com/Bmu6LRRKnZ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
जम्मू और कश्मीर से पीडीपी के नेता मीर एम फैयाज ने कहा
मैं इस विधेयक का विरोध करने के लिए खड़ा हुआ हूं। जब से यह सरकार सत्ता में आई है, तब से इसने ट्रिपल तालाक और आर्टिकन 370, जैसे बिलों को लक्षित किया है। ये सरकर जब से बनी है, ये मुसलमान के पीछे पड़ी है।
Mir M Fayaz, JK PDP in Rajya Sabha on #CitizenshipAmendmentBill2019: I stand to oppose this Bill. Since this govt has come to power, the way it has brought bills like Triple Talaq Art 370-Muslims have been targeted. Yeh sarkaar jab se bani hai yeh musalman ke peeche padi hai pic.twitter.com/aNCxD8FiBH
— ANI (@ANI) December 11, 2019
AIADMK नेता डी जयकुमार
तमिलनाडु के मंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) नेता डी जयकुमार नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर कहा कि विधेयक श्रीलंकाई तमिलों और तमिलनाडु के खिलाफ नहीं है। हम संसद में कैब का समर्थन करते हैं।
Tamil Nadu Minister and AIADMK leader D Jayakumar on #CitizenshipAmendmentBill2019: The Bill is not against Srilankan Tamils and Tamil Nadu. We support the CAB in Parliament.
— ANI (@ANI) December 11, 2019
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा
हमारी पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करती है। आप मुसलमानों को छोड़कर अनुच्छेद 14 का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं? मुसलमानों को बाहर रखा जाना इस पूरे कृत्य की एकमात्र समस्या है।
Satish Chandra Mishra, BSP: Our party opposes the #CitizenshipAmendmentBill2019. Why are you violating Article 14 by excluding Muslims? Muslims being excluded is the sole problem of this entire act. pic.twitter.com/hWg0doyJVZ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं। ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है। ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं। संजय राउत बोले कि अगर वहां हमारे भाईयों पर जुल्म हो रहा है, तो आप मजबूत हैं उनका साथ कीजिए। हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, हम कितने कठोर हिंदू हैं जिस स्कूल में आप पढ़ते हो वहां हम पर हेडमास्टर हैं।
Sanjay Raut, Shiv Sena in Rajya Sabha: Mazboot PM aur HM par humari asha hai. Kya is Bill ke pass hone ke baad aap ghuspetiyon ko bahar nikalenge? Agar sharanarthiyon ko swikaar karte hain toh us par rajneeti nahi honi chahiye. Kya unko voting rights milenge? pic.twitter.com/b8yM04BxAS
— ANI (@ANI) December 11, 2019
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार जो बिल ला रही है, ये पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि वही पास करें जो सही हो, अगर गैर-संवैधानिक बिल को हम पास करते हैं तो बाद में सुप्रीम कोर्ट इस बिल का भविष्य तय करेगी। पी. चिदंबरम बोले कि मुझे पूरा विश्वास है कि ये बिल अदालत में नहीं टिकेगा। पी. चिदंबरम ने कहा कि ये बिल आर्टिकल 14 की बातों का उल्लंघन करता है, इसमें समानता का अधिकार शामिल है। इसमें जो कानूनी कमियां हैं, उसका जवाब कौन देगा और जिम्मेदारी कौन लेगा। अगर कानून मंत्रालय ने इस बिल की सलाह दी है तो गृह मंत्री को कागज रखने चाहिए, जिसने भी इस बिल की सलाह दी है उसे संसद में लाना चाहिए।
1. आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा ?
2. आपने 6 धर्मों को ही क्यों चुना?
3. सिर्फ ईसाई को क्यों शामिल किया।
4. भूटान के ईसाई, श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों बाहर रखा।
P Chidambaram, Congress in Rajya Sabha: This government is ramming through this Bill to advance its Hindutva agenda. This is a sad day. I am absolutely clear that this law will be struck off. #CitizenshipAmmendmentBill2019 pic.twitter.com/5EBQPBw9bF
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा -
स्वतंत्र भारत में पहली बार, धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का मुद्दा सामने आया है। मुझे नहीं लगता कि बिल न्यायिक जांच पास करेगा। यह बहुमत बनाम नैतिकता है।
Sachin Pilot, Deputy Chief Minister of Rajasthan on #CitizenshipAmendmentBill2019: For the first time in independent India, issue of deciding citizenship on basis of religion has come up. I don"t think the bill will pass the judicial scrutiny. This is majority versus morality. https://t.co/qEHRHDA17b pic.twitter.com/cSe5I5cg5p
— ANI (@ANI) December 11, 2019
राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
Rajasthan: Chief Minister Ashok Gehlot takes part in a protest against #CitizenshipAmendmentBill2019 in Jaipur. pic.twitter.com/Y0olglsMMz
— ANI (@ANI) December 11, 2019
असम की बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट पार्टी के बिश्वजीत दैमारी ने कहा-
हम नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का समर्थन करते हैं।
Biswajit Daimary, Bodoland People"s Front, Assam in Rajya Sabha: We support the #CitizenshipAmmendmentBill2019. pic.twitter.com/hwgcxBDVie
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा-
यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो यह हमारे धर्मनिरपेक्षता के लिए एक आघात होगा। आप (भाजपा) के पास देश के सभी नागरिकों को न्यायोचित ठहराने और एक वर्ग को अलग न रखने और उन्हें पीड़ित महसूस कराने का जनादेश है।
T Siva, DMK MP in Rajya Sabha on #CitizenshipAmmendmentBill2019: If this Bill is passed, it will be a blow to our secularism. You (BJP) have a mandate to justify all citizens of the country and not segregate one section and make them feel victimised. pic.twitter.com/ktARYTpVNV
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक पर माकपा के टीके रंगराजन राज्य सभा में बोले
मान लीजिए कि आप कानून बनाते हैं, तो अल्पसंख्यकों पर होने वाले किसी भी नतीजे के लिए कौन जिम्मेदार होगा? इसलिए मेरी पार्टी इसका विरोध करती है। देश को खराब मत करो, संविधान को मत खराब करो, यही मेरा अनुरोध है।
TK Rangarajan, CPI(M) on #CitizenshipAmendmentBill2019 in Rajya Sabha: Suppose you make the law, who will be responsible for any repercussion on minorities? That is why my party oppose this. Don"t spoil the country, don"t spoil the constitution, that"s my request. pic.twitter.com/R9VJpgzoC3
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एसआर बालासुब्रमण्यम
हमें कुछ चिंताएं हैं, लेकिन कुल मिलाकर हम इस बिल का समर्थन कर रहे हैं।
SR Balasubramaniam,AIADMK: We have certain concerns but overall, we are supporting this bill।#CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/6jJVCGBSmU
— ANI (@ANI) December 11, 2019
तेलंगाना राष्ट्र समिति के डॉ।केशव राव
नागरिकता संशोधन विधेयक भारत के विचार को चुनौती देता है और न्याय के प्रत्येक आदर्श को नकारता है। इस विधेयक को विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए।
Dr।K Keshav Rao,Telangana Rashtra Samithi in Rajya Sabha: This bill challenges the very idea of India and negates every ideal of justice।This bill should be withdrawn #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/gYMwtN9WDb
— ANI (@ANI) December 11, 2019
समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली ने कहा
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली ने कहा, अगर सदन में किसी विशेष समुदाय के नाम लेने पर आपत्ति हो सकती है, लेकिन ये जो बिल आया है वो इसका उल्लंघन करता है। भारत का संविधान किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है, ऐसे में जो भी इस देश को किसी एक धर्म का राष्ट्र बनाना चाहता है तो उसका खंडन होना चाहिए।
Javed Ali Khan,Samajwadi Party in Rajya Sabha: Our Govt through this #CitizenshipAmendmentBill and #NRC is trying to fulfill the dream of Jinnah।Remember, in 1949 Sardar Patel had said "we are laying the foundation of a truly secular democracy in India" pic.twitter.com/BGl3cP139E
— ANI (@ANI) December 11, 2019
- टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा
- सुप्रीम कोर्ट में भी होगा बिल पर संग्राम राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस बिल पर संसद में संग्राम होगा लेकिन उसके बाद ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा। उन्होंने इस दौरान कहा कि ये बिल भारत विरोधी, बंगाल विरोधी है। डेरेक ओ ब्रायन बोले कि बीजेपी की नींव तीन बातों पर है सिर्फ झूठ, झांसा और जुमला। आप घुसपैठियों पर अधिकार छीनने का आरोप लगाते हैं लेकिन आपकी सरकार ने 2 करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया। जो देश में है, उनका आप ध्यान रख नहीं सकते हैं और बाहरी लोगों की बात कर रहे हैं। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जिन्ना की कब्र पर गोल्डन अक्षरों में इस बिल के बारे में लिखा जाएगा, यहां पर इसके बारे में नहीं लिखा जाएगा। डेरेक ओब्रायन बोले कि इस बिल को बस दोबारा पैकेजिंग किया जा रहा है। बंगाल के बारे में बात करने से पहले वहां पर आइए, हम भी ढोकला खाते हैं लेकिन आपको बंगाल को समझने की जरूरत है।
Derek O Brien,TMC in Rajya Sabha: I read that PM said this will be written in golden letters.I will tell you where it will be written,it will be written on grave of the father of the nation, but which father of the nation? In Karachi, on Jinnah"s grave।#CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/tIKL8pIuP4
— ANI (@ANI) December 11, 2019
- बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने कहा
- नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आज जो हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है और वो है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में वो अल्पसंख्यक जो धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हैं उनकों नागरिकता का अधिकार देने का काम है और यह मूल बात है। आज जिस बिल की हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जिन अल्पसंख्यकों की धार्मिक आधार पर प्रताड़ना हुई है और जिन्होंने भारत में शरण ली है, उन्हें नागरिकता दी जाएगी।देश के अंदर जो लोग लंबे समय से अन्याय के वातावरण में जी रहे थे, उनको सम्मान के साथ जीने का एक रास्ता देने का प्रयास नागरिकता संशोधन बिल के द्वारा किया गया है।
- ये समस्या आज से नहीं है, ये समस्या उसी समय शुरू हुई जब आजादी के समय देश का विभाजन हुआ।देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ यह स्पष्ट था। इस विभाजन की त्रासदी यह थी कि दुनिया में आजतक इतना बड़ा नरसंहार कभी नहीं हुआ। देश के विभाजन के बाद रातों-रात लोगों को अपने घर-संपत्ति छोड़कर इधर से उधर आना-जाना पड़ा। उस समय नेहरू-लियाकत पैक्ट हुआ था, जिसमें इसकी चिंता थी कि दोनों जगह पर अल्पसंख्यकों को संरक्षण मिले। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। देश के विभाजन के बाद रातों-रात लोगों को अपने घर-संपत्ति छोड़कर इधर से उधर आना-जाना पड़ा। उस समय नेहरू-लियाकत पैक्ट हुआ था, जिसमें इसकी चिंता थी कि दोनों जगह पर अल्पसंख्यकों को संरक्षण मिले। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। धर्म के आधार पर विभाजन तो हुआ लेकिन पैक्ट सिर्फ कागजों में रह गया, सच्चाई में नहीं रह पाया। इस नरसंहार के समय उस समय के प्रधानमंत्री ये चाहते थे कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिले, ये उनकी इच्छा थी, लेकिन इच्छा होना और सच्चाई में धरातल पर उतरने में जमीन-आसमान का अंतर होता है। इस विभाजन की जब बात करते हैं तो हम कह सकते हैं कि उस समय भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बुद्ध, पारसी थे।पाकिस्तान में उस समय हिंदू, सिख, जैन, बुद्ध, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यक थे।
- 1970 के भारतीय जनसंघ के एक रेज्यूलेशन में कहा गया था कि “भारत के लिए गर्व का विषय है कि भारत ने अपने वचन और अल्पसंख्यकों की पूरी रक्षा कि है और उन्हें बराबरी के अधिकार दिए है। भारत में मुसलमानों की तेजी से बढ़ती जनसंख्या इस बात की साक्षी है। लेकिन पाकिस्तान ने भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के आश्वासन का आदर किया होता तो वहां अल्पसंख्यकों की संख्या 2।5 करोड़ होनी थी, जो घटकर मात्र 90 लाख रह गई है।इस बिल से भारत के किसी भी नागरिक के समानता के अधिकार पर किसी तरह से आंच नहीं आ रही है। नेहरू-लियाकत समझौता के अंतर्गत इस बात की चिंता की गई थी कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों रक्षा की जाए और उन्हें सम्भाल के रखा जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा तो हो गया और ये कागजों में रह गया।
- बीजेपी नेता जेपी नड्डा लाइव
LIVE: Shri @JPNadda on the Citizenship Amendment Bill-2019 in Rajya Sabha। #IndiaSupportsCAB https://t।co/SapONEzN9g
— BJP (@BJP4India) December 11, 2019
- कांग्रेस की नहीं थी टू नेशन की थ्योरी- आनंद शर्मा
- आनंद शर्मा बोले कि ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी। भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है। पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं।कांग्रेस नेता बोले कि टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी। आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए। आनंद शर्मा बोले कि कांग्रेस ने टू नेशन थ्योरी का विरोध किया था, उसे बैन भी कर दिया गया था। हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग ने दो देशों की थ्योरी का समर्थन दिया, हिंदुस्तान का बंटवारा अंग्रेजों की वजह से हुआ कांग्रेस नहीं। नया इतिहास मत लीखिए।
- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सदन में कहा
- नागरिकता संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा, कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं।इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा।कांग्रेस नेता बोले कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता।आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है।ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है।ये बिल लोगों को बांटने वाला है।हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी।बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था।आनंद शर्मा बोले कि ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी।भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है।पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं।
Anand Sharma,Congress in Rajya Sabha: The bill that you have brought is an assault on the very foundation of the Indian constitution, it is an assault on the Republic of India।It hurts the soul of India।It is against our constitutiondemocracy।It fails the morality test pic।twitter।com/dCMVAea9rr
— ANI (@ANI) December 11, 2019
- गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा से लाइव
#WATCH Home Minister Amit Shah speaking on #CitizenshipAmendmentBill in Rajya Sabha। https://t।co/Pj0UjFjZlG
— ANI (@ANI) December 11, 2019
- सदन में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा
- कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस बिल में कोई चर्चा या चिंता का उल्लेख नहीं हैं। फिर ये किसकी चिंता कर रहे हैं ?
- इस बिल में हम तीनों पडोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनको नागरिक बनाने की प्रक्रिया का संशोधन लेकर आये हैंl साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आये हैं।
- जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है।
- मुसलमान इस देश के नागरिक थे, नागरिक हैं, नागरिक रहेंगे। भारत के मुसलमानों को किसी से डरने की जरुरत नहीं।
- पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी हैl आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए।
- विभाजन के बाद हमारी कल्पना थी कि जो नागरिक यहां अल्पसंख्यक रहते हैं और जो पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हैं वो सम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे, अपने धर्म का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे, अपने परिवार का सम्मान से रक्षण कर पाएंगे, लेकिन दशकों बाद इसकी तरफ हम देखते हैं तो कटु सच्चाई ये सामने आई है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को सम्मान का जीवन नहीं मिला। वहां अल्पसंख्यकों की घोर प्रताड़ना हुई।
- आज में एक ऐतिहासिक बिल लेकर सदन में उपस्थित हुआ हूं। इस बिल के प्रावधान