कठुआ रेप और मर्डर : नशा देकर बच्ची से गैंगरेप, पुलिसकर्मी भी शामिल

कठुआ रेप और मर्डर : नशा देकर बच्ची से गैंगरेप, पुलिसकर्मी भी शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-11 08:14 GMT
कठुआ रेप और मर्डर : नशा देकर बच्ची से गैंगरेप, पुलिसकर्मी भी शामिल

डिजिटल डेस्क, कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची से रेप के बाद हत्या के मामले में बुधवार को चार्जशीट दाखिल की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक अन्य आरोपी के खिलाफ अलग से चार्जशीट दाखिल की है। इस आरोपी को पहले नाबालिग बताया जा रहा था। मामले में क्राइम ब्रांच ने 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि बच्ची को अगवा करके उसे नशा देकर बार-बार उसके साथ रेप किया गया और फिर उसे मार डाला। बता दें कि इस मामले की CBI जांच कराने के लिए बुधवार को जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के वकीलों ने बंद बुलाया था।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी। 

8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रेप-मर्डर केस में क्राइम ब्रांच ने 8 में से 7 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसके साथ ही एक अन्य आरोपी के खिलाफ अलग से चालान पेश किया गया है। पहले इस आरोपी को नाबालिग बताया जा रहा था, लेकिन जब उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया तो वो 19 साल का निकला। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपियों में ज्यादातर पुलिस वालों के ही नाम हैं और इन सभी ने मासूम बच्ची के साथ कई बार रेप किया। 

 

 

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर निकाला गुस्सा

 

 

 


कहानी ऐसी कि सुनकर रूह कांप जाए 

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कठुआ रेप-मर्डर केस की कहानी इतनी भयानक है कि सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए। चार्जशीट के मुताबिक, इस पूरे केस का मास्टरमाइंड रिटायर्ड राजस्व अधिकारी संजी राम था। ये वही संजी राम था जो एक धार्मिक स्थल की भी देख-रेख करता था। इसी ने बच्ची की किडनैपिंग, रेप और मर्डर की प्लानिंग की ताकि किसी खास समुदाय के अंदर डर पैदा किया जा सके। संजी राम ने बच्ची को कई बार जंगल आते हुए भी देखा था। 

- इसके लिए संजी राम ने अपने नाबालिग भतीजे, जिसके बालिग होने की पुष्टि हो चुकी है, उससे बात की। इसके साथ ही संजी राम ने एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजूरिया को भी प्लानिंग के बारे में बताया। दीपक खजूरिया ने ये प्लान अपने साथी इंस्पेक्टर के साथ शेयर किया। 

10 जनवरी को दोपहर करीब 12:30 बजे बच्ची अपने घोड़ों को चराने के लिए जंगल आई। तभी संजी राम के भतीजे को बच्ची जंगल में दिखाई दी तो उसने इसकी जानकारी अपने चाचा को दी। उस बच्ची को बहला-फुसलाकर लाया गया और फिर उसकी इतनी पिटाई की, कि लड़की बेहोश हो गई। इसी दौरान उसका दोस्त मन्नू भी उसके साथ था। 

- इसके बाद संजी राम के भतीजे और उसके दोस्त मन्नु ने बारी-बारी से उस बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसे धार्मिक स्थल के अंदर ले जाकर बंद कर दिया। अगले दिन 11 जनवरी को संजी राम के भतीजे ने अपने चचेरे भाई विशाल को फोन किया और उसे भी इस काम में साथ देने के लिए बुला लिया। विशाल तुरंत वहां आ गया। 

- 12 जनवरी को विशाल रसाना पहुंच गया। इसके बाद विशाल और उसके चचेरे भाई, मन्नु ने बच्ची के साथ बार-बारी से रेप किया। यही सिलसिला 15 जनवरी तक चलता रहा। 

- 15 जनवरी को संजी राम वहां पहुंचा और उसने बच्ची को मारने की बात कही। बच्ची को मारने से पहले स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजूरिया ने बच्ची के साथ रेप किया और फिर बारी-बारी से सभी आरोपियों ने बच्ची के साथ रेप किया। 

- बच्ची के साथ गैंगरेप करने के बाद सभी आरोपियों ने मिलकर बच्ची का पहला गला घोंट दिया और फिर उसके सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को जंगल में फेंक दिया गया। 17 जनवरी को बच्ची का शव जंगल से बरामद किया गया।

 



22 जनवरी को केस क्राइम ब्रांच को सौंपा गया

17 जनवरी को बच्ची की लाश मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा बढ़ने के बाद सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश भी दिए, लेकिन फिर भी मामला शांत नहीं हो सका। आखिरकार 22 जनवरी को केस क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और 23 जनवरी से इस मामले की जांच शुरू हुई। क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि आरोपियों को बचाने में लोकल पुलिस ने काफी मदद की। पुलिस को आरोपी संजी राम की तरफ से पैसे दिए गए ताकि केस को रफा-दफा किया जा सके। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में पता चला कि 8 लोगों ने मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया और फिर उसे मार दिया। 

किस-किसको बनाया गया है आरोपी?

इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच ने 8 लोगों को आरोपी बनाया है। मामले का मास्टरमाइंड रिटायर्ड राजस्व अधिकारी संजी राम बताया जा रहा है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने संजी राम, उसके बेटे विशाल और भतीजे को आरोपी माना है। इसके साथ ही स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमारा, रसाना गांव का रहने वाला परवेश कुमार और हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज को इस मामले में भूमिका निभाने और सबुत मिटाने की कोशिश करने का आरोपी बनाया गया है। दीपक खजुरिया पर बच्ची के साथ रेप करने का आरोप भी लगाया गया है। 

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