आईटी मिनिस्टर का ट्विटर अकाउंट एक घंटे के लिए लॉक हुआ, जानिए क्या है अमेरिका का डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट?
आईटी मिनिस्टर का ट्विटर अकाउंट एक घंटे के लिए लॉक हुआ, जानिए क्या है अमेरिका का डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट?
- डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन
- रवि शंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट करीब एक घंटे के लिए लॉक
- रविशंकर प्रसाद ने खुद अकाउंट के लॉक होने की जानकारी दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट शुक्रवार को करीब एक घंटे के लिए लॉक हो गया। ट्विटर ने आईटी मिनिस्टर के अकाउंट के लॉक होने की वजह अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) के उल्लंघन को बताया। रविशंकर प्रसाद ने अकाउंट ओपन होने के बाद कई ट्वीट किए और अपने अकाउंट के लॉक होने की जानकारी दी।
क्या कहा रविशंकर प्रसाद ने?
मंत्री ने कहा, "ट्विटर की कार्रवाई इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 के रूल 4(8) का उल्लंघन है। जहां वे मुझे अपने स्वयं के अकाउंट तक पहुंच से वंचित करने से पहले मुझे कोई पूर्व सूचना प्रदान करने में विफल रहे।" ऐसे में संभव है कि वह ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज करें या कंपनी के खिलाफ कुछ कार्रवाई का आदेश दें। वहीं इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर बनी पार्लियामेंटरी कमेटी के चेयरमैन शशि थरूर ने कहा, हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरे अकाउंट को बंद करने के लिए स्पष्टीकरण मांगेंगे। इसके साथ ही इस बात का भी जवाब मागेंगे कि भारत में ट्विटर को ऑपरेट करने के लिए वो किन नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।
क्या है डीएमसीए एक्ट?
DMCA किसी व्यक्ति या संगठन से संबंधित बौद्धिक संपदा और कॉपीराइट की रक्षा करने वाले पुराने कानूनों में से एक है। अक्टूबर 1998 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इस कानून को लागू किया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी कंटेंट को चोरी होने से बचाना है और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है। इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं।
दो दशक पहले जब www ने दुनिया पर कब्जा करना शुरू किया था, उस वक्त कॉपीराइट को मैनेज करने के लिए कोई एक फ्रेमवर्क नहीं था। इंटरनेट ग्लोबल और बॉर्डरलेस नेचर के कारण समस्या और भी विकट थी। इस वजह से डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट को लाया गया था। हालांकि अधिकांश इंटरनेट कंपनियां, कम से कम 1990 के दशक के अंत में और 2000 के दशक की शुरुआत में अमेरिका में स्थित थीं, यह अमेरिकी कानून कॉपीराइट से संबंधित इश्यू के लिए एक वास्तविक मानक बन गया।
ट्विटर ने इस कानून को अपनी वेबसाइट पर अच्छी तरह से समझाया है। इसमें कहा गया है कि ट्विटर डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत सबमिट की गई कॉपीराइट शिकायतों पर कार्रवाई करता है। DMCA का सेक्शन 512 में बताता है कि औपचारिक रूप से कॉपीराइट उल्लंघन की रिपोर्ट कैसे करना है। इसके साथ ही इसमें ये भी बताया गया है कि कैसे एक प्रभावित पक्ष कॉपीराइट हटाने के लिए कंप्लेंट काउंटर-नोटिस सबमिट कर सकता है।
ट्विटर ने नहीं माने भारत सरकार के नियम
बता दें कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए फरवरी में नए नियम लेकर आई थी। सभी को नियमों का पालन करने के लिए 25 मई तक का समय दिया गया था। इन नियमों के तहत, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स को भारत में रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर और नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना था। नए नियमों में ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है। नए नियमों में कंपनियों से कहा गया है कि उनका शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत को सुनना होगा और 14 दिन के अंदर उसका समाधान करना होगा। लेकिन ट्विटर ने अब तक इन नियमों का पालन नहीं किया है जिस वजह से सरकार और ट्विटर के बीच खींचतान देखने को मिल रही है।
बीते दिनों 5 जून को ट्विटर ने भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ऑफिशियल और पर्सनल दोनों हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS के बड़े नेता सुरेश जोशी, सुरेश सोनी और अरुण कुमार के ट्विटर हैंडल से भी ब्लू टिक हटा दिया गया था। इसे लेकर भी जमकर विवाद हुआ था। हालांकि बाद में ट्विटर ने ब्लू टिक वापस दे दिया था। तब ट्विटर ने इसके पीछे तर्क दिया था कि ये अकाउंट काफी दिनों से लॉग इन नहीं हुआ था, जिस वजह से ब्लू टिक हटाया गया था। बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ ने इसे भारतीय संविधान पर हमला बताया था। बता दें कि ट्विटर वेरिफाइड अकाउंट को ब्लू टिक देता है। इसके अलावा भी कई अन्य घटनाएं देखने को मिली है।