भारत, सिंगापुर अत्याधुनिक क्षेत्रों में घनिष्ठ रूप से कर रहे सहयोग
नई दिल्ली भारत, सिंगापुर अत्याधुनिक क्षेत्रों में घनिष्ठ रूप से कर रहे सहयोग
- व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत और सिंगापुर फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, कौशल विकास, स्मार्ट सिटी समाधान और नवीकरणीय ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में घनिष्ठ रूप से सहयोग कर रहे हैं, जिससे तकनीकी व्यवधान दूर होगा और भविष्य को आकार मिलेगा।
पीएमओ में सिंगापुर के मंत्री लोह खुम येन, इस समय दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। वह दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में अपने भारतीय समकक्ष जितेंद्र सिंह से मिले।
सिंह ने कहा कि 17 सितंबर को दिल्ली में आयोजित पहले भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन की कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जिसे उन्होंने एक पथप्रदर्शक पहल के रूप में वर्णित किया था और कहा था कि यह साझेदारी के नए क्षेत्रों में समन्वय का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
मंत्री ने बताया कि भारत और सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर प्रगति बिंदु दिखाते हैं और वे जी20, राष्ट्रमंडल, आईओआरए (हिंद महासागर रिम एसोसिएशन), पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और आईओएनएस (हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी) जैसे कई समूहों का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, 2005 के व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के समापन के बाद इस मजबूत संबंध को 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक रणनीतिक साझेदारी में बढ़ाया गया था।
लोह खुम येन ने जितेंद्र सिंह को बताया कि वित्तवर्ष 2021-22 के लिए भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह के मामले में सिंगापुर शीर्ष स्रोत राष्ट्र के रूप में उभरा है। वित्तवर्ष 2022 में सिंगापुर से भारत में एफडीआई प्रवाह की मात्रा लगभग 16 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.