चंद्रयान-2 की तकनीकी खराबी हुई दूर, अब 22 जुलाई को होगा लॉन्च
चंद्रयान-2 की तकनीकी खराबी हुई दूर, अब 22 जुलाई को होगा लॉन्च
- 22 जुलाई को दोपहर 2.43 मिनट पर चंद्रयान-2 की होगी लॉन्चिंग
- तकनीकी खराबी के कारण 15 जुलाई को नहीं हो पाया था लॉन्च
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अब 22 जुलाई को होगी। ISRO ने गुरुवार को ट्वीट कर नई तारीख का ऐलान किया है। इससे पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई तड़के 2.51 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया जाना था, लेकिन आखिरी घंटे में तकनीकी खराबी की वजह से लॉन्च नहीं किया गया था।
Chandrayaan-2 launch, which was called off due to a technical snag on July 15, 2019, is now rescheduled at 2:43 pm IST on Monday, July 22, 2019. #Chandrayaan2 #GSLVMkIII #ISRO
— ISRO (@isro) July 18, 2019
इसरो की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, 22 जुलाई को दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाएगा। गौरतलब है कि, चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को तड़के 2.51 पर जीएसएलवी मार्क 3 (GSLV-MK3) रॉकेट से लॉन्च किया जाना था, लेकिन 56 मिनट 24 सेकंड पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता चलते ही लॉन्चिंग को रोक दिया गया था।
इसरो प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने बयान देते हुए कहा था, GSLV-MK3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने की वजह से लॉन्चिंग रोकी गई। इसरो का कहना था, क्रायोजेनिक ईंधन भरते वक्त खामी का पता चला जिससे काउंटडाउन को रोक दिया गया। अब तकनीकी खराबी को ठीक करने के बाद लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा की गई है।
बता दें कि, चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं। पहला हिस्से का नाम ऑर्बिटर, दूसरा लैंडर (विक्रम) और तीसरा रोवर (प्रज्ञान) हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत 978-1000 करोड़ रुपए के बीच है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं। 8 ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर "विक्रम" और दो पेलोड रोवर "प्रज्ञान" में हैं। पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं। लैंडर "विक्रम" का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है। दूसरी ओर, 27 किलोग्राम "प्रज्ञान" का मतलब संस्कृत में बुद्धिमता है।