India-China Tension: विदेश मंत्रालय की दो टूक, चीन ने LAC को एकतरफा परिभाषित किया है, भारत नहीं मानता

India-China Tension: विदेश मंत्रालय की दो टूक, चीन ने LAC को एकतरफा परिभाषित किया है, भारत नहीं मानता

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-29 13:28 GMT
India-China Tension: विदेश मंत्रालय की दो टूक, चीन ने LAC को एकतरफा परिभाषित किया है, भारत नहीं मानता
हाईलाइट
  • चीन ने LAC को एकतरफा परिभाषित किया है
  • भारत नहीं मानता
  • लद्दाख को लेकर चीन के बयान पर भारत का दो टूक जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्रालय के लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देने के बयान के बाद भारत ने इसका दो टूक जवाब दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि वह 1959 में चीन की एकतरफा परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को नहीं मानता। भारत उम्मीद करता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की कोई अपुष्ट एकतरफा व्याख्या करने से बचेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा, 1993 के बाद ऐसे कई समझौते हुए  जिसमें दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी कि एलएसी पर जिन बिन्दुओं को लेकर गतिरोध है उसे बातचीत के रास्ते सुलझाते रहेंगे और किसी तरह की एकतरफा कार्रवाई से बचेंगे। भारत ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में चीन का इस तरह का बयान आपत्तिजनक है और दोनों देशों के बीच आपसी सहमति का घोर उल्लंघन भी है।

क्या कहा था चीन ने?
चीनी विदेश मंत्रालय ने मंदारिन भाषा में जारी किए अपने बयान में मई के बाद से जारी तनाव के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराया था और  15 जून को पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। चीन ने कहा था, भारत ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना अवैध तरीके से की है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन-भारत सीमा LAC बहुत स्पष्ट है, जो 7 नवंबर, 1959 की LAC है। चीन ने 1950 में इसकी घोषणा की थी और भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इसके बारे में स्पष्ट हैं। हालांकि, इस साल भारतीय सेना ने अवैध रूप से सीमा पार करना लगातार जारी रखा है। भारतीय सेना एकतरफा वास्तविक नियंत्रण के दायरे का विस्तार कर रही है। यह सीमा के मुद्दों पर तनाव का स्रोत है।  बता दें कि हाल के वर्षों में यह पहली बार है जब बीजिंग ने असमान शब्दों में कहा है कि यह अभी भी 1959 की  एलएसी को मानता है। 

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