तिब्बत बॉर्डर समेत चीन से सटे पर्वतों और घाटियों पर भारत ने बढ़ाए सैनिक
तिब्बत बॉर्डर समेत चीन से सटे पर्वतों और घाटियों पर भारत ने बढ़ाए सैनिक
डिजिटल डेस्क, ईटानगर। डोकलाम में 73 दिन तक चले विवाद के बाद भारतीय सेना चीन से सटे क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरत रही है। भारतीय सेना ने चीन के तिब्बती क्षेत्र से लगी सीमाओं पर अपनी तैनाती बढ़ाई है। इसके साथ ही अरूणाचल सेक्टर के दिबांग, दाऊ देलाई और लोहित घाटियों में भी भारतीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है। सेना के अधिकारियों की ओर से यह जानकारी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, डोकलाम के बाद भारत अपनी उत्तर-पूर्वी सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता से निपटने के लिए दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों पर अपनी पकड़ मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है।
गौरतलब है कि पिछले साल जून में चीनी सैनिकों द्वारा भूटान के डोकलाम क्षेत्र में रोड बनाने को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ था। भारतीय सैनिकों ने भारत, चीन और भूटान के इस ट्राइजंक्शन में पहुंचकर चीनी सेना को रोड बनाने से रोक दिया था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई थी। इस घटना के बाद करीब ढाई महीनों तक डोकलाम में भारतीय-चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने डंटे हुए थे। इस दौरान चीनी मीडिया ने कई बार भारत को युद्ध की धमकी भी दी थी। हालांकि अगस्त के अंत तक यह विवाद सुलझा लिया गया था।
बता दें कि डोकलाम भूटान का क्षेत्र है, जिस पर चीन अपना हिस्सा होने का दावा करता आया है। वहीं भारत इस मामले में कहता आया है कि चीन डोकलाम पर कब्जा कर भारत-चीन और भूटान के ट्राइजंक्शन का नक्शा बिगाड़ना चाहता है।
पर्वतीय क्षेत्रों में गश्त बढ़ा रहा है भारत
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना ने चीन सीमा से लगे पर्वतीय क्षेत्रों और घाटियों में सैनिकों को तैनात किया है। यहां 17000 फुट से ज्यादा ऊंचे और बर्फ से ढंके पर्वतों, घाटियों और नदियों के किनारे भारतीय सैनिक लगातार छोड़ी-बड़ी गश्त लगा रहे हैं। छोटी-छोटी टुकड़ियां में सेना के जवान इन क्षेत्रों में 15 से 30 दिन के लिए गश्त पर निकलते हैं।
सैन्य अधिकारियों का कहना है, डोकलाम विवाद के बाद हमने अपनी गतिविधियों में कई गुना वृद्धि की है। हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अरुणाचल से लगी सीमा पर हम अपना निगरानी तंत्र भी विकसित कर रहे हैं ताकि सीमा पार चीन की गतिविधियों पर नजर रख सकें।
सैन्य अधिकारियों ने यह भी बताया है कि भारत, चीन और म्यांमार की सीमाओं के ट्राइ-जंक्शन समेत रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सभी संवेदनशील क्षेत्रों में भारतीय सैना की तैनाती बढ़ाई गई है।