आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी बोले- पहली बार डिफेंस सेक्टर में 74 प्रतिशत तक FDI ऑटोमैटिक रूट से आने का रास्ता खोला गया
आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी बोले- पहली बार डिफेंस सेक्टर में 74 प्रतिशत तक FDI ऑटोमैटिक रूट से आने का रास्ता खोला गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने पर आज (गुरुवार, 27 अगस्त) वेबिनार आयोजित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब पहली बार डिफेंस सेक्टर में 74 प्रतिशत तक FDI ऑटोमैटिक रूट से आने का रास्ता खोला जा रहा है। ये नए भारत के आत्मविश्वास का परिणाम है।
#WATCH from Delhi: PM Narendra Modi addresses "Atmanirbhar Bharat Defence Industry Outreach Webinar" through video conference. https://t.co/pmEfXAc9lH
— ANI (@ANI) August 27, 2020
पीएम ने कहा कि आज यहां हो रहे इस मंथन से जो परिणाम मिलेंगे उससे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को अवश्य बल और गति मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि भारत में ही रक्षा निर्माण में बढ़ोतरी हो। हमारा उद्देश्य है कि भारत में ही उत्पादन बढ़े, नई तकनीक भारत में ही विकसित हो और प्राइवेट सेक्टर का इस क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो। पीएम ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्य के लिए पूरी तरह से मिशन मोड पर जुटे हुए हैं। उनके इन अथक प्रयासों के कारण अच्छे परिणाम मिलना निश्चित है।
सीमित विजन से देश को हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमारा प्रयास इस सेक्टर से जुड़ी सभी बेड़ियां तोड़ने का है. हमारा उद्देश्य है कि भारत में ही उत्पादन बढ़े, नई तकनीक भारत में ही विकसित हो, और प्राइवेट सेक्टर का इस क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो, इसके लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है नई तकनीक का भारत में ही विकास हो। प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो। इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार, लेवल प्लेइंग फील्ड की तैयारी, एक्सपोर्ट प्रक्रिया का सरलीकरण, ऑब्सेट के प्रावधानों में सुधार जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं।
रक्षा मंत्री पूरी तरह से मिशन मोड पर जुटे
पीएम ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्य के लिए पूरी तरह से मिशन मोड पर जुटे हुए हैं। उनके इन अथक प्रयासों के कारण अच्छे परिणाम मिलना निश्चित है। उन्होंने कहा कि कई सालों से भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक रहा है। जब भारत को आजादी मिली, तो उसकी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में अधिक क्षमता थी लेकिन दुर्भाग्य से, इस विषय पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका।
प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो
मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है नई तकनीक का भारत में ही विकास हो। प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो। इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार, लेवल प्लेइंग फील्ड की तैयारी, एक्सपोर्ट प्रक्रिया का सरलीकरण, ऑब्सेट के प्रावधानों में सुधार जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब पहली बार रक्षा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ऑटोमैटिक रूट (सरकारी मंजूरी के बगैर) से आने का रास्ता खोला जा रहा है। ये नए भारत के आत्मविश्वास का परिणाम है।