पद्म श्री नर्तक को सरकारी आवास से किया बेदखल, सड़क पर पड़ा दिखा पद्मश्री पुरस्कार का प्रशस्ति पत्र, बेटी ने उठाए सवाल
पद्मश्री से सम्मानित कलाकार पर सरकार का सितम पद्म श्री नर्तक को सरकारी आवास से किया बेदखल, सड़क पर पड़ा दिखा पद्मश्री पुरस्कार का प्रशस्ति पत्र, बेटी ने उठाए सवाल
- मैं अपने पिता के साथ नहीं होती
- तो वह शायद मर गए होते।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुके 90 वर्षीय ओडिसी नर्तक गुरु मायाधर राउत को सरकारी आवास से बेदखल कर दिया गया। उनके सरकारी आवास को खाली करने की कई तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में साफतौर पर देखा जा सकता है कि पद्म श्री पुरस्कार पाने वाले एवॉर्डी अपने सरकारी आवास के बाहर बैठे हैं। उनके साथ ही उनका सामान भी बाहर ही रखा हुआ है। यही नहीं पद्म श्री का प्रशस्ति पत्र भी सामानों के साथ ही सड़क पर पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
सरकार ने कल (बुधवार) दिल्ली एशियन गेम्स खेल गांव में उनका सरकारी आवास को खाली कराया है। जिसको लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है। वहीं सरकार का कहना है कि बेदखली का नोटिस पहले ही दे दिया गया था। सरकार ने कहा है कि 2014 में ही आवास को रद्द कर दिया गया था। इस मामले को लेकर उनके साथ ही कई अन्य कलाकार भी अदालत गए हुए थे लेकिन उनको इस केस में वहां भी हार का सामना करना पड़ा था। उनको आवास खाली करने के लिए 25 अप्रैल तक का समय दिया गया था लेकिन उन्होंने आवास खाली नहीं किया।
पद्म श्री प्राप्त राउत की बेटी, मधुमिता राउत ने सरकार के इस काम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बेदखली कानूनी तौर पर सही है, लेकिन इस काम को जिस समय किया गया है वह आपत्तिजनक है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कलाकारों को सम्मान नहीं मिलता है। साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 2014 में भले ही यह फैसला किया हो लेकिन इसकी सूचना कलाकारों को साल 2020 में ही दी गई थी। साथ ही उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या यह राजनैतिक खेल है। एनडीटीवी की रिपोर्ट की माने तो राऊत की बेटी ने कहा कि "हम इस सरकार की प्राथमिकता में बहुत नीचे हैं। कोई सांस्कृतिक नीति नहीं है। मैं निष्कासन के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह अमानवीय तरीके से किया गया था। हमारे सामान को बाहर फेंक दिया गया था। अगर उस दिन मैं अपने पिता के साथ नहीं होती, तो वह शायद मर गए होते।"