सलमान खुर्शीद की किताब के खिलाफ दायर याचिका पर आज HC में सुनवाई

दिल्ली सलमान खुर्शीद की किताब के खिलाफ दायर याचिका पर आज HC में सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-24 17:00 GMT
सलमान खुर्शीद की किताब के खिलाफ दायर याचिका पर आज HC में सुनवाई
हाईलाइट
  • हिंदुत्ववादियों की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम से की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें हिंदुत्व पर कथित टिप्पणी के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की विवादास्पद पुस्तक के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। इस याचिका को गुरुवार को न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता विनीत जिंदल द्वारा अधिवक्ता राज किशोर चौधरी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि खुर्शीद द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई पुस्तक सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन आवर टाइम में हिंदुत्ववादियों की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कट्टरपंथी जिहादी समूहों से की गई है।

याचिका के मुताबिक यह टिप्पणी पुस्तक के पृष्ठ 113 पर द सैफ्रॉन स्काई नामक एक अध्याय में की गई है, जिसमें लिखा है - हिंदुत्व के एक मजबूत संस्करण के जरिए सनातन धर्म और संतों को ज्ञात शास्त्रीय हिंदुत्व को सभी मानकों से अलग किया जा रहा है। यह हाल के वर्षो के आईएसआईएस और बोको हराम जैसे समूहों के जिहादी इस्लाम के समान एक राजनीतिक संस्करण है। इसके अलावा कहा गया है कि आईएसआईएस और बोको हराम के लिए हिंदू धर्म की समानता को एक नकारात्मक विचारधारा के रूप में माना जाता है, जिसका हिंदू पालन कर रहे हैं और हिंदुत्व हिंसक, अमानवीय और दमनकारी है।

याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अनुच्छेद 19(2) के तहत लगाए जा सकने वाले उचित प्रतिबंधों के साथ-साथ चलती है, इसलिए भारत जैसे देश में, जो हमेशा एक सांप्रदायिक टिंडरबॉक्स पर रहता है, जहां धार्मिक भावनाएं गहरी होती हैं, जहां कुछ सार्वजनिक और ऐतिहासिक शख्सियतों का सम्मान हमेशा उनके देवता के प्रति सम्मान के साथ आता है, किताब की सामग्री के आधार पर द्वेष को जहरीले सांप्रदायिक रंग के साथ लेपित करने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

इससे पहले दिल्ली पुलिस को दी गई शिकायत में जिंदल ने खुर्शीद के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153ए, 298 और 505 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी, जो संज्ञेय अपराध हैं और बेहद गंभीर हैं। उन्होंने सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

 

(आईएएनएस)

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