पीएम मोदी बोले- बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए

पीएम मोदी बोले- बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-01 17:15 GMT
पीएम मोदी बोले- बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए
हाईलाइट
  • पीएम ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और सेहत सर्वोपरि है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई 12वीं परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया
  • बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यों और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ व्यापक चर्चा के बाद सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। इस दौरान पीएम ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और सेहत सर्वोपरि है। ऐसे माहौल में बच्चों को तनाव देना उचित नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं। बैठक में प्रधानमंत्री ने सीबीएसई अफसरों से कहा कि सीबीएसई बारहवीं कक्षा के छात्रों के रिजल्ट को वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार किया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए। पीएम ने कहा, देश भर में कोविड की स्थिति अभी बनी हुई है। कुछ राज्यों ने अभी भी लॉकडाउन का विकल्प चुना है। ऐसे माहौल में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

बता दें कि सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए कक्षा 10 की परीक्षा रद्द करने और कक्षा 12 की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में इस मुद्दे पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा किए गए प्रस्तावों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विस्तृत सुझाव मांगे थे। वहीं सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था, जो परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है, वह 3 जून तक अंतिम निर्णय लेगी।

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