हार्दिक ने किया SC का रुख, HC ने किया था सजा पर रोक लगाने से इनकार
हार्दिक ने किया SC का रुख, HC ने किया था सजा पर रोक लगाने से इनकार
- 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
- कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
- हार्दिक लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं और गुजरात में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसमें 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। पटेल की याचिका को मंगलवार को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जा सकता है क्योंकि वह लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं और गुजरात में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल है।
हार्दिक पटेल के वकील मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट के 29 मार्च के आदेश पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में करेंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, पाटीदार नेता अपनी सजा के कारण आगामी आम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इससे पहले, गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पटेल की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें दंगों और आगजनी के लिए जुलाई 2018 की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जस्टिस उराज़ी की अदालत ने अपने फैसले को सुनानवे से पहले ये भी देखा था कि कांग्रेस नेता के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं और उनके खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज हैं।
जस्टिस उराज़ी ने उनकी याचिका को खारिज करने से पहले विभिन्न अदालतों में उनके खिलाफ लंबित मामलों की संख्या को भी ध्यान में रखा। बता दें कि मेहसाणा जिले के विसनगर की एक सेशन्स कोर्ट ने पाटीदार कोटा आंदोलन के दौरान 2015 में विसनगर शहर में दंगा और आगजनी के लिए हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई थी। पिछले साल अगस्त में उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई गई थी।
शुक्रवार को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी थी। हार्दिक ने लिखा था, "गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। चुनाव तो आते है जाते हैं लेकिन संविधान के खिलाफ़ बीजेपी काम कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने से क्यों रोका जा रहा है। बीजेपी के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं, लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।"