अस्पताल में आग लगने के मामले में तथ्यों को छुपाने की कोशिश पर गुजरात को फटकार

अस्पताल में आग लगने के मामले में तथ्यों को छुपाने की कोशिश पर गुजरात को फटकार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-01 09:30 GMT
अस्पताल में आग लगने के मामले में तथ्यों को छुपाने की कोशिश पर गुजरात को फटकार
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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात के निजी कोविड अस्पतालों में आग की घटनाओं के संबंध में तथ्यों को दबाने के प्रयासों पर राज्य सरकार की खिंचाई की। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राजकोट के एक निजी कोविड अस्पताल में आग की घटना का संज्ञान लिया था, जिसके कारण पांच लोगों की मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुजरात सरकार के वकील से कहा, हमने आपका जवाब सुना है। आपके अनुसार सब कुछ अच्छा है। अभी तक राज्य के अस्पताल में सबकुछ ठीक है।

न्यायमूर्ति शाह ने गुजरात सरकार की खिंचाई करते हुए कहा, जहां तक आयोग (आग की घटना की जांच करने के लिए) का सवाल है, यह भी समाप्त हो गया है, और साथ ही राज्य सरकार का स्टैंड अस्पताल में वायरिंग की स्थिति के संबंध में आपके स्वयं के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अधिकारी के स्टैंड के विपरीत है।

पीठ ने अहमदाबाद आग की घटना का उदाहरण दिया, जहां एक कोविड अस्पताल में आग लगने के चलते आठ लोगों की मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति ने कहा कि तथ्यों को दबाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले को देखने और इस बाबत एक उचित रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार के लिए मुकर्रर कर दी।

27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट के अस्पताल में आग लगने की घटना का संज्ञान लिया था। घटना में 5 लोगों की मौत हो गई थी।

शीर्ष अदालत ने इस बाबत 1 दिसंबर तक केंद्र और गुजरात से जवाब मांगा था।

आरएचए/एएनएम

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