पुलिस फायरिंग में दर्जनभर लोगों की मौत से सकते में सरकार, संसद में हंगामा
नागालैंड- किसकी गलती, किस पर भारी पुलिस फायरिंग में दर्जनभर लोगों की मौत से सकते में सरकार, संसद में हंगामा
- खाकी बनी आतंकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागालैंड में सुरक्षाबलों की तरफ से की गई फायरिंग में 14 लोगों की मौत और 15 घायल लोगों का मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में उठा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन में नागालैंड हिंसा पर बैठक की।
उच्च सदन में हिंसा पर चर्चा की मांग
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले को उठाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब देने की मांग की है कि और संबंधित घटना की पूरी जानकारी मांगी है। विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा- हम मांग करते हैं कि संसद के दोनों सदनों में केन्द्रीय गृह मंत्री घटना में बारे में विस्तृत जानकारी दें। ऐसी हम उम्मीद करते हैं। यह एक बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें अवश्य यह जवाब देना चाहिए कि क्यों ऐसा हुआ है। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर बयान देंगे। उन्होंने इसे काफी गंभीर मुद्दा बताया। राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई ।
सूचना में चूक
आपको बता दें पुलिस को मिली सूचना से कार्रवाई के आखिरी वक्त पर किसी ने विद्रोहियों को सूचना दी थी और जो आंदोलन में स्थानीय लोगों की घुसपैठ करने में कामयाब रहे। सूत्रों के मुताबिक पुलिस फोर्स को ये पता नहीं लग पाया था कि इसमें आम नागरिक शामिल हो गए हैं। जब तक कि ऑपरेशन की योजना बनाई जा चुकी थी। दूसरी तरफ ये कयास लगाया जा रहा है कि ग्रामीणों ने विद्रोहियों को हमले से बचाने की कोशिश की और वे मारे गए। ये लोग समय-समय पर नागा पक्ष का समर्थन भी करते रहते हैं।
एजेंसी के अलग अलग दावे
नागालैंड में खाकी की गोली से दर्जनभर से अधिक लोगों की हत्याओं ने पूरे देश को हिला कर दिया। हालांकि अब घटना को लेकर सरकार और सरकार की एजेंसी घटना की सफाई में अलग अलग दावे कर रही है। घटना क्यों और कैसे हुई इसको लेकर तमाम दावे किए जा रहे है।
पुलिस की गोलीबारी सदन में विपक्ष का हंगामा
प्रश्नकाल शुरू होते ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी नागालैंड में गोलीबारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नागालैंड में जो घटना घटी है। वह दुखद और शर्मनाक है। चौधरी ने पूछा कि नागालैंड में शांति बहाली को लेकर दावे किए गए थे, उनका क्या हुआ? कांग्रेस नेता ने कहा बेनुगाह लोगों की जान गई है। यह मुद्दा सदन में आना चाहिए। इसकी गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री के साथ रक्षा मंत्री को जवाब देना चाहिए।
जांच के आदेश
सेना ने घटना के तुरंत बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दे दिया। सेना ने घटना को अत्यंत खेदजनक बताया। लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नागालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस दौरान एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए।
दर्जनभर लोगों की मौत, दर्जनभर घायल
नागालैंड के मोन जिले में गोलीबारी की तीन घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक गोलीबारी की घटना गलत पहचान और जानकारी के हुई। मौतों की सूचना मिलते हुए अलग अलग लोग प्रदर्शन करने लगे और कई जगह दंगें भी हुए जिनमें एक सैनिक की मौत हो गई।
काम से घर आ रहे थे कोयला खदान कर्मी
गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब शाम को कुछ कोयला खदान कर्मी घर लौट रहे थे। सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने घर लौट रहे गांववासियों पर गोलीबारी की, जिसमें छह मजदूरों की जान चली गई।