वित्त मंत्रालय का बड़ा ऐलान- ECLGS के तहत लिया गया लोन 4 की जगह 5 साल में चुका सकते हैं व्यापारी
वित्त मंत्रालय का बड़ा ऐलान- ECLGS के तहत लिया गया लोन 4 की जगह 5 साल में चुका सकते हैं व्यापारी
- ECLGS के तहत लिया गया लोन 5 साल में चुका सकते हैं व्यापारी
- व्यापारी वर्ग के लिए वित्त मंत्रालय ने किया बड़ा ऐलान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रविवार को कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण हुए आर्थिक नुकसान के बीच (ECLGS) आपात कालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के दायरे का विस्तार किया है। ECLGS 4.0 के तहत अस्पतालों, नर्सिंग, होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित करने के लिए दिए गए 2 करोड़ तक के कर्ज पर 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी। इसकी ब्याज दर 7.5 फीसदी तय की गई है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि, आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार इसे नया रुप देना है। जिन्होंने चार साल के लिए ECLGS 1.0 के तहत कर्ज लिया है। अब वे 4 साल की जगह 5 साल में लोन चुका सकते है। सरकार की यह स्कीम अक्टूबर 2020 तक के लिए वैध थी, जिसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर अंत कर दिया गया था। अब केवल 12 महीनों के लिए ब्याज चुकाने के साथ कुल 36 महीनों में मूलधन और ब्याज चुकाना होगा।
MSME को सरकार ने दिए 3 लाख करोड़
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 3 लाख करोड़ सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) को क्रेडिट लाइन स्कीम के तहत दिया है। सरकार ने 3 लाख करोड़ सितंबर तक दिए है। इसे 12 पब्लिक सेक्टर, 24 प्राईवेट सेक्टर और 31 NBFCS द्वारा दिया गया है।
टर्नओवर 100 करोड़ के अंदर होना चाहिए
कोरोना महामारी की वजह से जो आर्थिक नुकसान व्यापारियों को हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति करने के लिए सरकार ने यह लोन उन ही व्यापारियों को दिया है। जिनका टर्नओवर 100 करोड़ के अंदर हो। यह लोन व्यापार में हुए नुकसान से बचाने के लिए है। लोन को वापस लौटाने की अवधि 4 साल की है।
वहीं, पहले साल में कोई राशि नहीं देनी पड़ती है। 20 लाख करोड़ में यह सबसे बड़ा पैकेज है। इस पूरे लोन की गारंटी NCGTC लेती है। अप्रैल में सरकार ने ECLGS को उन लोगों के लिए बढ़ा दिया गया था। यह सुविधा 26 सेक्टर्स के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें हेल्थ, एविएशन, कॉरपोरेट, रिटेल से लेकर पावर, सीमेंट. कंस्ट्रकशन और टेक्सटाइल तक सब शामिल हैं। इस स्कीम में 60 हजार करोड़ रुपये का लोन अभी भी इस स्कीम के तहत बाकी है।