राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट को चिट्ठी लिखेंगे सत्यपाल, करेंगे ये निवेदन
राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट को चिट्ठी लिखेंगे सत्यपाल, करेंगे ये निवेदन
डिजिटल डेस्क, पणजी। हाल ही में गोवा के राज्यपाल बनें सत्यपाल मलिक ने अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद बयान दिया है। उन्होंने गुरुवार की बीती रात एक कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट को चिट्ठी लिखने की बात कही है। सत्यपाल ने कहा कि "सारा देश अयोध्या में राम के भव्य मंदिर के निर्माण की बात कर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसने भगवान राम की यात्रा में उनकी सहायता करने वाले लोगों को स्थान आवंटित करने के लिए कहा हो।" सत्यपाल ने कहा कि "मैंने अब तक राम दरबार में केवट और शबरी (जिन्होंने राम की मदद की थी) की मूर्तियों की मांग करते हुए लोगों को नहीं सुना है।" इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि "जिस दिन मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाया जाएगा, मैं उसे पत्र लिखकर उन लोगों (केवट और शबरी) की मूर्तियां स्थापित करने का आग्रह करूंगा, जो राम के साथ सत्य की लड़ाई में लड़े थे। यह ही वास्तविक भारत है।"
Satya Pal Malik: I"m yet to hear people demanding idols of Kevat Shabri (who helped Lord Ram) in Ram Darbar.The day the trust is made for the temple I will write letter to it urging them to install idols of people who fought with him, on the side of truth.That is the true India https://t.co/8h1oQ9tPp0
— ANI (@ANI) November 22, 2019
जमीयत उलेमा-ए-हिंद नहीं करेगा समीक्षा याचिका दाखिल
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या राम मंदिर विवाद पर अपना फैसला सुना चुका है, जिसके मुताबिक विवादित जमीन पर मालिकाना हक रामलला का है। वहीं मुस्लिम पक्ष को किसी दूसरे स्थान पर 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाएगी। मस्जिद बनाने के लिए मिलने वाली 5 एकड़ जमीन को मुस्लिम पक्षकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने लेने से इनकार कर दिया है, लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगा। उसने गुरुवार को कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि "वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और वक्फ संपत्तियों द्वारा प्रबंधित बाबरी मस्जिद और मस्जिदों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करेगा।"
बता दें कि जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी भी बीते रविवार को कह चुके थे कि हमारी पुनर्विचार याचिका शत प्रतिशत खारिज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि "हम जानते हैं कि हमारी पुनर्विचार याचिका 100% खारिज कर दी जाएगी, लेकिन इसके बावजूद भी हम याचिका दायर करेंगे, क्योंकि यह हमारा अधिकार है।"
AIMPLB की ख्वाहिश
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद बनाने के लिए मिलने वाली 5 एकड़ जमीन को नामंजूर कर दिया है। साथ ही AIMPLB फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना चाहता है। AIMPLB ने बीते रविवार को लखनऊ के मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक की थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि AIMPLB अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा था कि "हम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे और हमें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है। "उन्होंने कहा था कि "गुंबद के नीचे राम के जन्मस्थान होने के कोई प्रमाण नहीं हैं। हमने विवादित भूमि के लिए लड़ाई लड़ी थी और हमें उसी जगह मस्जिद बनाने के लिए जमीन चाहिए।"