राम मंदिर के बनने से कांग्रेस शासित प्रदेश को हुआ फायदा
राजस्थान पर राम की कृपा राम मंदिर के बनने से कांग्रेस शासित प्रदेश को हुआ फायदा
- राम मंदिर निर्माण कार्य से राजस्थान सरकार को 17 गुना से ज्यादा फायदा हुआ है
- 38 खदानों की हुई है नीलामी से राज्य को 245 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या में बनने जा रहा भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरो-शोरो पर है और निर्माण का एक हिस्सा इस साल अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है। राम मंदिर की आधारशिला 5 अगस्त, 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
सरकार की तैयारी है कि 2023 के आखिर तक मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाए। हालांकि पूरा परिसर 2025 तक ही तैयार हो पाएगा। वर्षों से चले आ रहे इस विवाद का अंत यूपीए शासन में हुआ।
लेकिन राम मंदिर निर्माण कार्य से राजस्थान सरकार को 17 गुना से ज्यादा फायदा हुआ है, क्योंकि मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाला लाल बलुआ पत्थर राजस्थान की खदानों से अयोध्या पहुंचाया जाएगा।
38 खदानों की हुई है नीलामी
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लाल बलुआ पत्थरों की आपूर्ति करने वाले बंशी पहाड़पुर में खदानों की नीलामी में बेस प्राइस से 17 गुना अधिक नीलामी मूल्य प्राप्त हुआ है। 38 खदानों की नीलामी से राज्य को 245 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं।
खान एवं पेट्रोलियम के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दो खदानों में आरक्षित मूल्य से 42% गुना अधिक पैसा राज्य को मिला है।
अग्रवाल ने कहा, " प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशों से संवेदनशील बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में नीलामी संभव हुई है। अब राम मंदिर के लिए कानूनी खनन हो पाएगा और मंदिर के लिए पत्थर उपलब्ध होंगे। बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में लगभग 230 हेक्टेयर के क्षेत्र में 39 खदानें बनाई गई हैं। 10 नवंबर से 3 दिसंबर तक दो चरणों में भारत सरकार के ई-प्लेटफॉर्म पर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई।"
आपको बता दे इन भूखंडों का आरक्षित मूल्य 7.93 करोड़ रुपये था, जबकि राज्य सरकार को इनकी नीलामी से 245.54 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लिमिटेड के लिए रिजर्व किया गया है। वहीं 230.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खदानें डेवलप कर उनकी ई-नीलामी की जा रही है।
10 हजार लोगों को रोजगार
अधिकारी ने कहा, "इस क्षेत्र में कानूनी तौर पर खनन शुरू होने से एक अनुमान के मुताबिक 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।" सरकारी दस्तावेजों की माने तो 2016 के बाद से इस क्षेत्र में कोई खनन नहीं हुआ है।