गलवान में चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले वीरों को मिलेगा सम्मान, गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए किए गए नॉमिनेट
गलवान में चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले वीरों को मिलेगा सम्मान, गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए किए गए नॉमिनेट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद जवानों को वीरता पुरस्कार (गैलेंट्री अवार्ड) देने की सिफारिश की गई है। इन सैनिकों को आगामी गणतंत्र दिवस समारोह पर सम्मानित किया जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि वीरता पुरस्कारों के लिए जिनके नामों की सिफारिश की गई है, उस सूची में 16 बिहार कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू का नाम भी शामिल है। वह चीनी सेना के साथ संघर्ष में शहीद हो गए थे।
26 जनवरी को दिए जाएंगे चक्र सीरीज के अवॉर्ड
सेना के शीर्ष नेतृत्व ने इन बहादुर जवानों को युद्धकालीन वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करने के लिए इनकी सिफारिश करने का निर्णय लिया है। बता दें कि युद्ध काल में दिए जाने वाले चक्र सीरीज के पुरस्कारों में परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शामिल हैं। ये सेना के सबसे ऊंचे पुरस्कार हैं। शांतिकाल में ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए सैनिकों को अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसे सम्मान दिए जाते हैं। ये अवॉर्ड 26 जनवरी को दिए जाएंगे।
गलवान में पिछले साल हुई थी हिंसक झड़प
गलवान में पिछले साल 15-16 जून को भारतीय जवानों की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना की 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे। अमेरिकन इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक इस झड़प में चीन के भी 35 सैनिक मारे गए थे।
किस रेजिमेंट से कितने जवान शहीद हुए
रेजिमेंट | शहीदों की संख्या |
16 बिहार रेजिमेंट | 12 शहीद |
3 पंजाब रेजिमेंट | 3 शहीद |
3 मीडियम रेजिमेंट | 2 शहीद |
12 बिहार रेजिमेंट | 1 शहीद |
81 माउंट ब्रिगेड सिग्नल कंपनी | 1 शहीद |
81 फील्ड रेजिमेंट | 1 शहीद |
शहीदों की याद में बनाई गई पोस्ट
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पोस्ट 120 पर ‘गलवां के बहादुरों’ के लिए एक स्मारक का निर्माण भी करवाया है। भारतीय सेना ने गलवान में शहीदों के नाम पर एक पोस्ट बनाई है। वहीं, डिफेंस मिनिस्ट्री ने सभी शहीदों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल में दर्ज करने का फैसला लिया है। इस घटना के बाद से सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। दोनों देशों ने ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर 50-50 हजार जवानों को तैनात कर दिया था। कई राउंड की बातचीत के बाद सैनिकों की संख्या घटाने पर सहमति बनी थी।