बालाकोट स्ट्राइक: आज ही सेना ने पाक से लिया था पुलवामा हमले का बदला
बालाकोट स्ट्राइक: आज ही सेना ने पाक से लिया था पुलवामा हमले का बदला
- 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुआ था अटैक
- पुलवामा में हमले के बाद पाकिस्तान को दिया था जवाब
- बालाकोट एयर स्ट्राइक को एक साल पूरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज (26 फरवरी) बालाकोट एयर स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ है। पिछले साल आज के दिन ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला कर पुलवामा हमले का बदला लिया था। बालाकोट स्ट्राइक को आज एक साल पूरे हो गए। स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ पर भारतीय वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया श्रीनगर के दौरे पर हैं। यहां वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने पाकिस्तानी सीमा से सटी एयर-स्पेस में मिग 21 में उड़ान भरी।
Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal RKS Bhadauria lands after flying MiG-21 of 51 Squadron Commanding Officer Group Captain Nazeer with two each Mirage-2000 Sukhoi-30MKI at Srinagar airbase. pic.twitter.com/eB8SZI8hKj
— ANI (@ANI) February 26, 2020
वहीं बालाकोट स्ट्राइक के एक साल पूरा होने पर पूर्व वायु सेना चीफ बीएस धनोवा ने कहा, हम पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहते थे कि "घुसकर मारेंगे", चाहे तुम कहीं भी रहो, नहीं तो हम अपनी जमीन से भी उन पर हमला कर सकते थे।
Trump India visit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने परिवार के साथ अमेरिका रवाना हुए
गौरतलब है कि, 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था। इस हमले को पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। हमले में सीआरपीएफ के करीब 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने बालाकोट में स्ट्राइक की थी। बता दें कि, 1971 के युद्ध के बाद यह पहला मौका था जब भारतीय वायुसेना ने फ्रंटलाइन फोर्स की तरह एलओसी पार कर दुश्मन की धरती में घुसकर हवाई हमला किया था। करगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने एलओसी पार नहीं की थी और अपनी सीमा से ही पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर बमबारी की थी।
पाक फिर चला रहा आतंक की पाठशाला
जानकारी के मुताबिक, बालाकोट में एयर स्ट्राइक के एक साल बीतने से पहले ही पाकिस्तान ने फिर से आतंकी प्रशिक्षण शिविर स्थापित कर दिए हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के शिविर शुरू किए गए हैं। इन्हें अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की नजर से बचाने के लिए यहां मदरसों के बोर्ड लगाए गए हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, इन शिविरों की सुरक्षा पाकिस्तान की सेना ने संभाल रखी है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है, आईएसआई के निर्देश पर जैश व लश्कर दोनों के संयुक्त प्रशिक्षण शिविर बालाकोट में फिर खोले गए हैं। इन इलाकों में लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है।