किसानों को विरोध करने का अधिकार, मगर कोई भी कानून हाथ में कोई नहीं ले सकता
दिल्ली पुलिस आयुक्त किसानों को विरोध करने का अधिकार, मगर कोई भी कानून हाथ में कोई नहीं ले सकता
- आयुक्त अस्थाना ने कहा कि कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बुधवार को कहा कि किसानों को विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। आयुक्त ने यहां भारतीय महिला प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, किसानों का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। जब से मैं (आयुक्त के तौर पर) शामिल हुआ हूं, किसानों को जंतर-मंतर पर विरोध करने की अनुमति दी गई है। किसानों को विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की है, जिनके विरोध में किसान एक साल से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों किसान अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और विरोध के दौरान गर्मी, ठंड और कोविड से कई किसानों की मौत भी हो चुकी है।
आयुक्त अस्थाना ने कहा कि दिल्ली पुलिस शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। 26 जनवरी के हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों पर बोलते हुए, अस्थाना ने बताया कि किसानों के खिलाफ कुछ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, हमने जांच की है और कुछ के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इस बीच, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को द फार्म लॉ रिपील बिल, 2021 को मंजूरी दे दी, जो तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर देगा, जिसके बारे में19 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा की थी।
(आईएएनएस)