IT विभाग की छापेमारी पर EC के सख्त निर्देश- रेड से पहले हमें भी बताएं एजेंसियां
IT विभाग की छापेमारी पर EC के सख्त निर्देश- रेड से पहले हमें भी बताएं एजेंसियां
- आयकर विभाग की छापेमारी पर EC ने दिए सख्त निर्देश।
- छापेमारी से पहले चुनाव आयोग को भी सूचित करें वित्तीय जांच एजेंसियां।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता के बीच आयकर विभाग की छापेमारी पर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है। मध्य प्रदेश और दिल्ली में हाल ही में हुई आयकर विभाग की छापेमारी पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने वित्तीय जांच एजेंसियों को निर्देश दिए है कि, किसी भी छापेमारी से पहले चुनाव आयोग को भी सूचित करें।
इस मामले में चुनाव आयोग ने राजस्व सचिव और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष को तलब किया साथ ही ये चेताया कि एजेंसियों की कार्रवाई बिना किसी भेदभाव, निष्पक्ष और आचार संहिता के नियमों के अनुरूप ही होनी चाहिए। जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में जो छापेमारी आयकर विभाग ने की थी, उसके बारे में चुनाव आयोग को जानकारी नहीं थी। केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी को भी इसके बारे में किसी तरह की सूचना नहीं दी गई थी। चुनाव आयोग ने जांच एजेंसियों से कहा है, चुनाव आचार संहिता लागू है ऐसे में भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी रेड या कार्रवाई की जानकारी वो चुनाव आयोग या राज्य के निर्वाचन अधिकारी से साझा करें।
चुनाव आयोग की सख्ती पर आयकर विभाग का कहना है, आचार संहिता और कार्रवाई से पहले आयोग को लूप में रखने की बात उन्हें पता है। इस पर EC ने दो टूक कहा कि जब इस बात की जानकारी थी तो फिर बताया क्यों नहीं गया।
बता दें कि आयकर विभाग और जांच एजेंसियों ने हाल ही में मध्य प्रदेश, दिल्ली और गोवा में एक साथ 50 जगहों पर छापेमारी की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के घर भी छापा मारा गया। आयकर विभाग की कार्रवाई में अब तक 281 करोड़ की नकदी बरामद की जा चुकी है। वहीं इससे पहले कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भी छापेमारी की गई थी, जिसके दौरान भी भारी नकदी और संपत्ति बरामद की गई थी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। इस छापेमारी में कैश, करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इसके अलावा 20 करोड़ रुपये के हवाला का भी मामला सामने आया, जिसके तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के अकाउंटेंट से जुड़े थे। इतना ही नहीं प्रवीण कक्कड़ के करीबी के घर से टाइगर की खाल और अवैध हथियार भी बरामद किए गए। वहीं इस छापेमारी को कांग्रेस ने केंद्र सरकार की बौखलाहट बताया था। सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था।