दिग्विजय ने किया चैलेंज एक्सेप्ट, बोले- कठिन सीट से चुनाव लड़ने तैयार हूं
दिग्विजय ने किया चैलेंज एक्सेप्ट, बोले- कठिन सीट से चुनाव लड़ने तैयार हूं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का कठिन सीट से चुनाव लड़ने का चैलेंज स्वीकार कर लिया है। कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह से राज्य की सबसे मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। इस पर दिग्विजय सिंह ने ऐलान किया है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां से चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे, वह वहीं से चुनाव के मैदान में उतरेंगे।
चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत- दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है, मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से 1977 की जनता पार्टी लहर में भी लड़कर जीत कर आया था। चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी कहेंगे मैं लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।
मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से ७७ की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतीयों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहॉं से भी मेरे नेता राहुल गॉंधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूँ। नर्मदे हर।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ को धन्यवाद देते हुए एक और ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मप्र में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं।
धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मप्र में कॉंग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूँ।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
आपको बता दें कि इससे पहले सीएम कमलनाथ ने कहा था कि, ‘मैंने दिग्वियज सिंह से आग्रह किया है कि यदि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो किसी कठिन सीट से लोकसभा चुनाव लड़ें। भोपाल और इंदौर जैसी लोकसभा सीटों की बात करते हुए उन्होंने कहा था, प्रदेश में दो से तीन लोकसभा की सीटें ऐसी हैं, जहां से हम 30-35 सालों से जीते नहीं हैं। सीएम कमलनाथ ने ये भी कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री सिंह खुद यह तय कर लें कि वह कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं और 29 में से कांग्रेस के पास सिर्फ दो लोकसभा सीटें हैं। भोपाल से कांग्रेस 1989 के बाद से चुनाव नहीं जीती है।