प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की उठी मांग, मुफ्त राशन स्कीम पर बीएसई के सीईओ ने सरकार की तारीफ की

कोविड-19 मैनेजमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की उठी मांग, मुफ्त राशन स्कीम पर बीएसई के सीईओ ने सरकार की तारीफ की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-01 02:48 GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की उठी मांग, मुफ्त राशन स्कीम पर बीएसई के सीईओ ने सरकार की तारीफ की
हाईलाइट
  • आशीष चौहान ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने पर विचार किया जाना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की मांग उठने लगी है। बॉम्बे एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने पर विचार किया जाना चाहिए। बीएसई के सीईओ ने इसके लिए कोविड-19 के दौरान सरकार की उपलब्धियों को सराहा, साथ उन्होंने कहा कि देश में कोरोना काल में गरीबों को मिली मानवीय सहायता के लिए हमें भारतीय होने के नाते गर्व है।

हम सरकार के आभारी हैं

बॉम्बे एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि कोविड-19 के दौरान सरकार की तरफ से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया गया। हमें सभी सुविधा देने के लिए सरकार का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है, जिसे हम ही नहीं बल्कि दुनिया ने भी माना है। इस दौरान उन्होंने बीते साल नोबेल पुरस्कार पाने वाले संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड फूड प्रोग्राम और सरकार के प्रयासों की तुलना की। 

बीते शुक्रवार को उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कलकत्ता के दीक्षांत समारोह में कहा कि कोरोना महामारी को दौरान 80 करोड़ लोगों को जिस फ्री राशन योजना ने फायदा पहुंचाया वह पिछले साल नोबेल पुरस्कार पाने वाली यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की तरफ से किए गए कार्यों से काफी ज्यादा बड़ी थी। उन्होंने इशारों में पीएम मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की मांग की। 

इस स्कीम ने भारत को अराजकता से बचाया 

बॉम्बे एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने आगे कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तौर पर पहचानी जाने वाली मुफ्त राशन स्कीम ने भारत के गरीब नागरिकों को अराजकता और दुख से बचाया है। उन्होंने कहा कि दो साल तक जितने लोगों को मुफ्त भोजन दिया गया, उनकी संख्या पूरे यूरोप या अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा या पूरे दक्षिण अमेरिकी देशों से ज्यादा थी। जो कि अपने आप में अद्भुत है। 

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