बिहार: चमकी बुखार से 108 की मौत, मुजफ्फरपुर पहुंचे नीतीश, लगे मुर्दाबाद के नारे
बिहार: चमकी बुखार से 108 की मौत, मुजफ्फरपुर पहुंचे नीतीश, लगे मुर्दाबाद के नारे
- बिहार में चमकी बुखार (एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) का कहर जारी
- मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 108 हुई
- श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज पहुंचे सीएम नीतीश कुमार
- लोगों ने लगाए 'गो बैक' के नारे
डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) का कहर लगातार जारी है। इस बुखार की वजह से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा अब 108 तक पहुंच गया है। वहीं इस बीमारी के चरम पर पहुंचने के करीब 18 दिन बाद आज (18 जून) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर पहुंचे। श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज में सीएम नीतीश ने मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। बढ़ते मौत के आंकड़ों से गुस्साए लोगों ने अस्पताल के बाहर सीएम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर वापस जाओं के नारे भी लगाए।
Chief Minister of Bihar, Nitish Kumar visited Sri Krishna Medical College and Hospital in #Muzaffarpur, today; 89 children have died due to AES at the hospital. pic.twitter.com/g6HwvQMrs3
— ANI (@ANI) June 18, 2019
जानकारी के मुताबिक, चमकी बुखार की वजह से मुजफ्फरपुर में अब तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। जिनमें से 89 मौतें श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और 19 मौतें केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं। बीमारी के कारण बच्चों की मौत से पूरे राज्य में हाहाकार मचने के बाद हालातों का जायजा लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। सीएम ने अस्पताल के अंदर मरीजों और उनके परिवार वालों से मुलाकात की। वहीं अस्पताल के बाहर लोगों ने सीएम के दौरे को लेकर विरोध-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की।
#WATCH Locals hold protest outside Sri Krishna Medical College and Hospital in Muzaffarpur as Bihar CM Nitish Kumar is present at the hospital; Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) is 108. pic.twitter.com/N1Bpn5liVr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
बच्चों की मौत से बौखलाए परिजनों ने नीतीश मुर्दाबाद, हाय-हाय और नीतीश वापस जाओ के नारे लगाए। लोगों का कहना है, इलाज ठीक से नहीं हो रहा है, हर दिन बच्चों की मौत हो रही है। नीतीश अब क्यों जागे हैं, उन्हें वापस चले जाना चाहिए। बता दें कि चमकी बुखार से मौत के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद भी सीएम नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर न आने पर लगातार सवाल उठ रहे थे। विपक्ष भी उन पर हमले कर रहा था।
श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेजे के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने बताया, सीएम ने मरीजों और उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की। वह वर्तमान में दिए जा रहे चिकित्सा उपचार से संतुष्ट थे। उन्होंने हमें रोजाना दोपहर 3 बजे बुलेटिन जारी करने का आदेश दिया। वह इस बात से दुखी थे कि उपचार की पर्याप्त सुविधाएं यहां उपलब्ध नहीं थीं।
SK Shahi, MS, SKMCH, Muzaffarpur: CM met the patients and their relatives.He was satisfied with present medical treatment being provided ordered us to release a bulletin daily at 3pm. He was pained by the fact that adequate facilities for treatment were not available here. pic.twitter.com/2sbUsB7uqi
— ANI (@ANI) June 18, 2019
इसी बीच मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने बच्चों की मौत के लिए 4जी कारक को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी की वजह से बुखार का प्रकोप हुआ है। निषाद ने कहा, ये लोग अति पिछड़ा समाज के हैं, उनका रहन-सहन नीचे है। बीमारी के बारे में जानकारी हो चुकी है, लेकिन मौतों की संख्या जीरो कैसे हो इस पर काम करने की जरूरत है।
Muzaffarpur MP Ajay Nishad: It is to be seen how the number of deaths be brought down to zero. I believe that we should concentrate and work on 4G - Gaon, Garmi, Gareebi, Gandgi (village, heat, poverty, uncleanliness). This disease (AES) is somewhere connected to these factors. pic.twitter.com/VfbC4cPNPI
— ANI (@ANI) June 18, 2019
वहीं बिहार के मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया, चमकी बुखार के प्रकोप की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई। अब तक लगभग 200 बच्चों का इलाज किया गया है और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
Bihar Minister, Suresh Sharma: A review meeting was held over cause of outbreak of Acute Encephalitis Syndrome (AES). So far, around 200 children have been treated and discharged from hospitals. pic.twitter.com/hh5uimTRcY
— ANI (@ANI) June 18, 2019
बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने भी केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। मानवधिकार आयोग ने कहा, बिहार में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है और राज्य के अन्य जिले भी इससे प्रभावित हैं। आयोग ने इंसेफेलाइटिस वायरस और चमकी बुखार की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने एक महीने के अंदर जवाब मांगा है।
चमकी बुखार को लेकर नीतीश कुमार ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की थी। जिसके बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया, सरकार ने फैसला किया है कि, उनकी टीम हर उस घर में जाएगी जहां बीमारी से बच्चों की मौत हुई है। टीम बीमारी के बैक ग्राउंड को जानने की कोशिश करेगी, क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है इस बीमारी की वजह क्या है। कई विशेषज्ञ इसकी वजह लीची वायरस बता रहे हैं, मगर कई ऐसे पीड़ित भी हैं, जिन्होंने लीची नहीं खाई।