COVID-19: रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक, इस वजह से लिया गया फैसला
COVID-19: रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक, इस वजह से लिया गया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में नोवल कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच सरकार ने कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिं किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
दरअसल चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से टेस्ट किट की एक्यूरेसी पर सवाल उठाए गए। जिसके बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को इसका उपयोग न करने की सलाह दी। अब अगले आदेश तक इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर सरकार ने रोक लगा दी है।
स्वदेशी कंपनियां भी बना रहीं टेस्ट किट
कोरोना को लेकर शनिवार को हुई केंद्रीय मंत्रियों के समूह की बैठक में रैपिड टेस्ट किट से कोरोना की जांच पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि देश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति कंट्रोल में है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के सकारात्मक नतीजे नजर आए हैं। जांच के लिए एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगाई जा रही है। सरकार के मुताबिक, देश में 15 लाख टेस्ट करने की क्षमता है। इसके अलावा कई स्वदेशी कंपनियां भी टेस्ट किट बना रही हैं। वहीं हालात से निपटने के लिए एक लाख से ज्यादा वॉलंटियर्स तैयार हैं।
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टेस्ट किट के नतीजों को लेकर आई थी शिकायत
हालांकि चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर पहले से ही घमासान मचा हुआ है। दरअसल सरकार ने चीन समेत अन्य देशों से एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट मंगाई थीं। सबसे पहले पश्चिम बंगाल ने इस टेस्ट किट से सही नतीजे न आने की शिकायत की थी। फिर ऐसी ही शिकायत राजस्थान सरकार ने की। जिसके बाद में सरकार ने इसके टेस्ट पर दो दिन की रोक लगा दी थी। वहीं शुक्रवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था, चीन सहित अन्य देशों से आई खराब टेस्ट किटों को वापस कर दिया जाएगा। इनका कोई भुगतान भी नहीं किया गया है।