Lockdown: बीमार मां से मिलने नौकरी छोड़ दुबई से लौटा बेटा, क्वारंटाइन में मिली मौत की खबर, आखिरी बार देख भी नहीं सका
Lockdown: बीमार मां से मिलने नौकरी छोड़ दुबई से लौटा बेटा, क्वारंटाइन में मिली मौत की खबर, आखिरी बार देख भी नहीं सका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण लोग जिंदगी के अंतिम पड़ाव से गुजर रहे अपनों से भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ 30 वर्षीय आमिर खान के साथ। यह शख्स दुबई में रहता था और अपनी बीमार मां से मिलने के लिए वहां से नौकरी छोड़कर भारत लौटा लेकिन इन कोशिशों के बावजूद भी वह अपनी मां से नहीं मिल सका। कोरोना की वजह से क्वारंटाइन में रहने के दौरान ही उसे मां के निधन की खबर मिली। हालांकि उसकी क्वारंटाइन की अवधि खत्म होने ही वाली थी, लेकिन जब तक वह बाहर निकल पाता तब तक उसकी मां का अंतिम संस्कार भी हो गया और बेटा आखिरी बार अपनी मां को देख भी नहीं पाया।
दो महीने की मशक्कत के बाद पहुंचा स्वदेश
13 मई को दुबई से स्वदेश लौटे आमिर ने बताया, मेरे सामने नौकरी में दबाव, कोरोना का प्रसार और कड़े क्वारंटीन नियमों की रुकावटें थीं। घर लौटने के लिए दो महीनों तक जूझता रहा। एंबेसी के कई चक्कर लगाए ताकि घर आ सकूं। कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार मुझे 13 मई को दुबई से भारत आ रही एक फ्लाइट में जगह मिली। जब भारत पहुंचा तो यहां एक होटल में 14 दिन के क्वारंटाइन में भेज दिया गया। कुछ दिनों बाद फोन पर मां के गुजर जाने की खबर मिली। अधिकारियों ने मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत तक नहीं दी।
गाइडलाइन में छूट के बाद भी नहीं मिली इजाजत
आमिर ने बताया, उत्तर प्रदेश के रामपुर में शनिवार को उसकी मां का निधन हुआ। आमिर का क्वारंटाइन पीरियड भी जल्द खत्म होने वाला था, लेकिन उसे जाने की इजाजत नहीं दी गई। रविवार को मां का अंतिम संस्कार था। इसी दिन सरकार की ओर से क्वारंटाइन को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी गई। इसमें कहा गया कि, विदेश से आ रहे लोगों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा। इस अवधि को 7-7 दिन के दो हिस्सों में बांटा गया। एक हिस्सा इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन और दूसरा 7 दिन के होम क्वारंटाइन का था। हालांकि इसमें छूट भी दी गई थी कि, संकट, गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी और 10 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ माता-पिता जैसे असाधारण कारणों से कुछ मामलों में 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन की इजाजत दी जा सकती है।
मां के साथ वक्त बिताने के लिए सब कुछ दांव पर लगाया
आमिर ने कहा, मैंने अधिकारियों को संशोधित गाइडलाइन के बारे में भी बताया, इससे जुड़े समाचार अपडेट भी दिखाए और कहा कि मुझे जाने दिया जाना चाहिए। मैं सभी सावधानियां बरतने और टेस्ट के लिए भी तैयार था, लेकिन मेरी नहीं सुनी गई। आमिर पहले मार्च में ही भारत आने और अपनी मां के साथ एक महीना बिताने की योजना बनाई थी। उनके मां पिछले साल नवंबर में लिवर सिरोसिस से पीड़ित होने के बारे में पता चला था। अब मां के साथ वक्त बिताने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया फिर भी नहीं मिल सका।