कोरोना के नए वैरिएंट XE ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जून माह में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर!
कोविड-19 कोरोना के नए वैरिएंट XE ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जून माह में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर!
- भारत में पिछले 24 घंटे में 949 नए कोरोना के मामले सामने आए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मामले ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना के नए वैरिएंट XE ने देश में दस्तक दे दिया है। जिसने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गौरतलब है कि पिछले दो सालों से कोविड-19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। कोरोना का नया वैरिएंट एक्सई गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में मिला है। जिसके बाद से इन राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है।
हेल्थ मिनिस्ट्री के आकंड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 949 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अब देश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 11,191 हो गई है। केस लगातार बढ़ने के कारण चौथी लहर की आशंका का डर सताने लगा है। चौथी लहर के बारे में पहले ही आईआईटी कानपुर ने अध्ययन किया था। जिसमें बताया गया था कि कब कोरोना महामारी की चौथी लहर आ सकती है।
कानपुर आईआईटी ने किया था दावा
गौरतलब है कि कानपुर के विशेषज्ञों ने कुछ समय पहले एक रिसर्च की थी। उनकी रिसर्च में दावा किया गया था कि कोविड महामारी की चौथा लहर 22 जून 2022 के आसपास शुरू हो सकती है। रिसर्च में ये भी बताया गया था कि चौथी लहर अगस्त माह में अपने पीक पर हो सकता है। प्रीप्रिंट रिपोजिटरी MedRxiv पर शेयर किए गए रिव्यू के मुताबिक, चौथी लहर का पता लगाने के लिए सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया गया था। जिसमें पाया गया कि संभावित नई लहर चार महीने तक लोगों को प्रभावित कर सकती हैं।
नए वैरिएंट एक्सई पर एक्सपर्ट की राय
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर कई विशेषज्ञ अपनी राय दे रहे हैं। हिंदुजा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार में क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. भारेश डेढिया के अनुसार एक्सई हाइब्रिड स्ट्रेन का मेडिकली रूप से कोई भी इस वैरिएंट के बीच अंतर नहीं कर सकता। ऐसा लगता है कि नया वैरिएंट एक्सई, ओमिक्रॉन के लक्षणों जैसा ही है।
यह आमतौर हल्का व बहुत गंभीर भी नहीं है। यह ध्यान रखना चाहिए कि एक्सई वैरिएंट लगभग तीन महीने से मौजूद है और अभी तक ओमिक्रॉन की तरह पूरी दुनिया में नहीं फैला है। इसलिए कहा जा सकता है कि यह अगला वैरिएंट नहीं है बल्कि ओमिक्रॉन के ही समान है।
WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, एक्सई वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह ज्यादा खतरनाक नहीं होगा। भारत में अधिकांश लोगों को कोराना का टीका लग चुका है। जिसकी वजह से ये वैरिएंट ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, यह कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट अन्य वैरिएंट से 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन अभी इस पर अधिक स्टडी की जा रही है। अभी इससे संक्रमित मरीजों के गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं।