कर्नाटक में गिरी गठबंधन सरकार, कुमारस्वामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
कर्नाटक में गिरी गठबंधन सरकार, कुमारस्वामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
- कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई
- सरकार के खिलाफ 105 और सरकार के समर्थन में 99 वोट पड़े
- सरकार गिरने के बाद राज्यपाल ने कुमारस्वामी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई है। विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सरकार के खिलाफ 105 और सरकार के समर्थन में 99 वोट पड़े। सरकार गिरने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने पहुंचे। राज्यपाल ने कुमारस्वामी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा अब जल्द ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। बता दें कि विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गठबंधन सरकार को शाम 4 बजे तक फ्लोर टेस्ट से जुड़ी सभी कार्यवाही को पूरा करने और शाम 6 बजे तक विश्वास मत कराने की डेडलाइन दी थी।
Karnataka Governor, Vajubhai Vala accepts HD Kumaraswamy"s resignation. pic.twitter.com/AVuD082In4
— ANI (@ANI) July 23, 2019
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 विधायक है। विश्वास मत में 19 विधायक गैरहाजिर रहे और स्पीकर ने वोट नहीं दिया। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विपक्ष को 105 वोट मिले। बहुमत के लिए 103 वोटों की जरुरत थी। कुमारस्वामी ने 14 महीने तक कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चलाई। उन्हें 116 विधायकों का समर्थन था। 1956 में कर्नाटक के बनने के बाद से लेकर अब तक केवल दो ही मुख्यमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए है। 1972 में चुने गए डी देवराज और 2013 में चुने गए सिद्धारमैया।
बीएस येदियुरप्पा ने कहा, "यह लोकतंत्र की जीत है। कुमारस्वामी सरकार से लोग तंग आ चुके थे। मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि विकास का एक नया युग अब शुरू होगा।" उन्होंने कहा, "हम किसानों को आश्वस्त करते हैं कि आने वाले दिनों में हम उन्हें और अधिक महत्व देंगे। हम जल्द से जल्द उचित निर्णय लेंगे।" उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और हमारे अध्यक्ष अमित शाह जी के साथ चर्चा करूंगा, बाद में मैं राज्यपाल से मिलूंगा। हम अब विधायक दल की बैठक करने जा रहे हैं।"
बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने कहा, "उनके बागी विधायकों के इस्तीफे अभी तक स्पीकर ने स्वीकार नहीं किए हैं। इस्तीफे की स्वीकृति के बाद उन्हें यह निर्णय लेना है कि उन्हें भाजपा में शामिल होना है या नहीं। वर्तमान परिदृश्य में हमारे पास 105 विधायक हैं, यह भाजपा के लिए बहुमत है, हम एक स्थिर सरकार बनाएंगे।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, "कर्नाटक में गठबंधन सरकार को केंद्र सरकार, राज्यपाल, महाराष्ट्र की राज्य सरकार और केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के नापाक संयुक्त प्रयासों ने गिराया है। कांग्रेस पार्टी अनैतिक तरीके से लाई गई राजनीतिक अस्थिरता के विरोध में बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।"
कांग्रेस नेता एचके पाटिल ने कहा, "कांग्रेस-जेडीएस विश्वास मत में विफल रहे। यह हार हमारे विधायकों के विश्वासघात के कारण है। कर्नाटक के लोग पार्टी के साथ इस तरह के विश्वासघात को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के विश्वास मत में शामिल न होने वाले अपने विधायक एन महेश को मायावती ने तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया है। महेश ने पार्टी हाईकमान के कुमारस्वामी के पक्ष में मतदान करने के आदेश को नहीं माना और फ्लोर टेस्ट से दूरी बना ली थी।
एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के विधानसभा में विश्वास मत हारने के बाद बेंगलुरु में पार्टी के राज्य कार्यालय में भाजपा समर्थकों ने जश्न मनाया।
Karnataka: BJP supporters celebrate at party"s state office in Bengaluru after HD Kumaraswamy led Congress-JD(S) coalition government lost trust vote in the assembly. pic.twitter.com/JS2dtRFYpr
— ANI (@ANI) July 23, 2019
#WATCH: Fire works outside Ramada Hotel in Bengaluru where Bharatiya Janata Party (BJP) Legislature Party meeting is underway. HD Kumaraswamy led Congress-JD(S) government lost trust vote in the assembly, today. #Karnataka pic.twitter.com/D7dCyPeTv0
— ANI (@ANI) July 23, 2019
इससे पहले सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने पिछले कई दिनों से चले आ रहे घटनाक्रम को लेकर कर्नाटक की जनता से माफी मांगी। कुमारस्वामी ने कहा, "मेरा विश्वास मत खींचने का कोई इरादा नहीं था। मैं स्पीकर और राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं।"
कुमारस्वामी ने अपने विधानसभा भाषण में बताया कि वह ताज वेस्ट एंड में क्यों रह रहे थे। कुमारस्वामी के अनुसार वह उस कमरे में बैठे थे और 2018 विधानसभा चुनाव परिणाम देख रहे थे। तभी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद का फोन आया कि उनकी पार्टी ने जेडीएस को समर्थन देने और उन्हें सीएम बनाने का फैसला किया है।
कुमारस्वामी ने कहा, "मैं इसे एक भाग्यशाली कमरा मानता हूं और इसलिए मैंने इसे बरकरार रखा है। मैं इस कमरे में व्यापारिक सौदे नहीं करता।" कुमारस्वामी ने विधानसभा में अपने भाषण के दौरान कहा कि "मैं खुशी के साथ इस पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं।" कुमारस्वामी ने कहा कि सत्ता किसी के लिए भी स्थायी नहीं है। मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था। राजनीतिक परिस्थितियों को दोखते हुए बेंगलुरु में 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।