चीन ने भारत को दिया भड़काऊ जहरीला संदेश
ड्रेगन की नई साल पर नई करतूत चीन ने भारत को दिया भड़काऊ जहरीला संदेश
- चीन की करतूत पर भारत में राजनीति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई साल के शुभ मौके पर ही चीन ने एक घटिया हरकत की है। जिस पर भारत में राजनीति भी होने लगी है। चीन के इस कदम को लेकर विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर चुप होने का आरोप लगाया है। आपको बता दें खुराफाती चीन ने अपने नक्शे में नई साल पर ही अरूणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदले हुए है। जिस पर चीन ने पत्र भी लिखा है।
चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने की करतूत की है। चीन ने ये नाम चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला में लिखे है। जिनका इस्तेमाल चीन अपने आधिकारिक नक्शे में करेगा।
In the Galwan Valley near the border with #India, under the characters “Never yield an inch of land,” PLA soldiers send new year greetings to Chinese people on January 1, 2022. pic.twitter.com/NxHwcarWes
— Global Times (@globaltimesnews) January 1, 2022
चीन के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश का नाम "जांगनान" या "दक्षिणी तिब्बत" दिखाया गया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी न्यूज के तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के जवाब चीन ने अरुणाचल की 6 जगहों के लिए चीनी नाम रखे थे। साल 2017 में भी चीन ने वहां के स्थानों के लिए 6 आधिकारिक नाम बताए थे। चीन के इस कदम की भारत ने तीखी आलोचना की है, भारत की ओर से कहा गया है कि चीन के नाम बदल देने से यह तथ्य नहीं बदल जाएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।
चीन की तरफ से लद्दाख की गलवान घाटी का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में चीनी सैनिक आपस में नए साल की बधाई और शुभकामनाएं देते नजर आ रहे हैं। चीनी सैनिक कह रहे हैं कि हम देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। इनके पीछे पहाड़ी पर लिखा है, "कभी भी एक इंच जमीन नहीं देंगे तिब्बत के बर्फीले इलाके में चीन झंडे को एक ड्रोन से फहराया जा रहा है। भारत और चीन के बीच पिछले कई महीने से लद्दाख में विवाद बना हुआ है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून 2020 को खूनी झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, देश के वीर जवानों ने सफेद रणभूमि में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इस झड़प के बाद चीनी सेना ने कदम वापस ले लिए। बात में चली वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से 50-50 हजार सैनिक सीमा पर तैनात कर दिए।