मेरे खिलाफ आरोप आर्थिक अपराध नहीं, राजनीति बदले की भावना से प्रेरित: चिदंबरम
मेरे खिलाफ आरोप आर्थिक अपराध नहीं, राजनीति बदले की भावना से प्रेरित: चिदंबरम
- पी. चिदंबरम का कहना है उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा राजनीति बदले की भावना से प्रेरित है
- याचिका में कहा गया है
- आईएनएक्स मीडिया मामले में कोई सार्वजनिक निधि शामिल नहीं है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा राजनीति बदले की भावना से प्रेरित है और उनके खिलाफ जो आरोप लगाया गया है वह आर्थिक अपराध नहीं है। दरअसल चिदंबरम ने जमानत की मांग को लेकर बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, साथ ही निचली अदालत द्वारा उनको न्यायिक हिरासत में भेजने के फैसले को भी उन्होंने चुनौती दी है।
चिदंबरम ने अदालत के समक्ष पेश अपनी याचिका में कहा है, आईएनएक्स मीडिया मामले में कोई सार्वजनिक निधि शामिल नहीं है और यह देश से बाहर पैसे ले जाने संबंधी बैंक की धोखाधड़ी का मामला या जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी या किसी कंपनी का धन चुराने का भी मामला नहीं है।
याचिका के अनुसार, मौजूदा मामले में आईएनएक्स मीडिया में वस्तुत: एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के रूप में 305 करोड़ रुपये की राशि आई जोकि 46.21 फीसदी इक्विटी की मंजूरी के अधीन है। इस 305 करोड़ रुपये की राशि में से 26 करोड़ रुपये का निवेश एक भारतीय अनुषंगी कंपनी (आईएनएक्स) में किया गया।
याचिका में दावा किया गया है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अध्यक्षता आर्थिक कार्य सचिव करते हैं और इसमें चार अन्य सचिव (उद्योग, वाणिज्य, विदेश और ओवरसीज इंडियन अफयर्स) और संबद्ध प्रशासनिक मंत्रालय के सचिव शामिल होते हैं।
याचिका में कहा गया है कि मंत्री (चिदंबरम) ने एफआईपीबी और आर्थिक कार्य साचिव की सिफारिश पर फाइल को मंजूरी दी थी।याचिका के अनुसार, सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की हिरासत में चिदंबरम का सामना तत्कालीन अवर सचिव आर. प्रसाद, ओएसडी पी. के. बग्गा, निवेशक प्रबोध सक्सेना, संयुक्त सचिव अनूप पुजारी और अतिरिक्त सचिव सिंधुश्री खुल्लर से करवाया गया। ये सभी एफआईपीबी की फाइल की प्रक्रिया में शामिल थे।
याचिका में कहा गया है कि उपर्युक्त व्यक्तियों ने आईएनएक्स मीडिया को दी गई मंजूरी के सही होने की पुष्टि की है। इनमें से किसी ने मंजूरी में किसी प्रकार के अवैध कार्य का आरोप नहीं लगाया है। किसी ने यह आरोप नहीं लगाया है कि चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया से संबंधित फाइल की प्रक्रिया के संबंध कोई निर्देश दिया। याचिका में यह भी कहा गया है कि चिदंबरम साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी फाइलें सरकार के पास हैं। याचिका के अनुसार, उनको राजनीतिक बदले की भावना का शिकार बनाया गया है।