त्रिपुरा : ग्राम पंचायत की 96 प्रतिशत सीटों पर बीजेपी का निर्विरोध कब्जा

त्रिपुरा : ग्राम पंचायत की 96 प्रतिशत सीटों पर बीजेपी का निर्विरोध कब्जा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-15 18:26 GMT
त्रिपुरा : ग्राम पंचायत की 96 प्रतिशत सीटों पर बीजेपी का निर्विरोध कब्जा
हाईलाइट
  • 30 सितंबर को 3
  • 386 सीटों पर उपचुनाव होने हैं।
  • इसके अलावा पार्टी ने राज्य के सभी 18 जिला परिषदों की सीटों पर भी कब्जा कर लिया।
  • बीजेपी ने त्रिपुरा में ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की 96 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध कब्जा जमा लिया है।

डिजिटल डेस्क, अगरतला। बीजेपी ने त्रिपुरा में ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की 96 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध कब्जा जमा लिया है। इसके अलावा पार्टी ने राज्य की सभी 18 जिला परिषदों की सीटों पर भी कब्जा कर लिया है। बता दें कि 30 सितंबर को 3,386 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें 3,207 ग्राम पंचायत, 161 पंचायत समिति और 18 जिला परिषद की सीटें शामिल हैं।

एसईसी अधिकारी ने कहा, ‘बीजेपी से जुड़े उम्मीदवार 3,075 ग्राम पंचायतों, 154 पंचायत समितियों और सभी 18 जिला परिषदों में निर्विरोध चुने गए। अब 30 सितंबर को चुनाव केवल 132 ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की केवल सात सीटों पर ही होगा। विपक्षी पार्टी सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा, कांग्रेस और जनजातीय आधारित पार्टी आईपीएफटी ने एसईसी से अलग से मौजूदा चुनावी प्रक्रिया को दोबारा करवाने के लिए कहा है, क्योंकि इन पार्टियों का दावा है कि "भारी हिंसा की वजह से उनके उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल नहीं कर पाए।

बीजेपी ने विपक्ष के इन आरोपों को निराधार बताया है। बीजेपी राज्य प्रवक्ता मृणाल कांति देब ने कहा कि विपक्षी पार्टियां खासकर माकपा ग्राम पंचायत चुनावों के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं तलाश सकी और त्रिपुरा में अधिकतर लोगों को वाम व कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने में रुचि नहीं थी।

गौरतलब है कि त्रिपुरा में अभी बीजेपी की सरकार है। बीजेपी सरकार बनने के बाद वामदलों के प्रतिनिधियों ने इन सीटों से इस्तीफा दे दिया था। वहीं कुछ प्रतिनिधियों की मौत भी हुई है। इसी के चलते खाली हुई सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। 

बता दें कि त्रिपुरा की 59 विधानसभा सीटों के लिए 17 फरवरी को वोटिंग हुई थी, जबकि नतीजे 3 मार्च को घोषित किए गए। इन चुनावों में बीजेपी ने इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बीजेपी ने 51 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे और 35 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं IPFT ने 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और 8 पर जीत हासिल की। इन चुनावों में लेफ्ट को सिर्फ 16 सीटें ही मिल पाई थी, जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी।  

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