लॉकडाउन में घर वापसी का दर्द: दिल्ली से बिहार पैदल जा रही महिला ने दिया बच्चे को जन्म
लॉकडाउन में घर वापसी का दर्द: दिल्ली से बिहार पैदल जा रही महिला ने दिया बच्चे को जन्म
डिजिटल डेस्क, पटना। कोरोना संक्रमण के इस दौर में प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गोपालगंज में बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर अपने राज्य पहुंचने का सुकून जरूर है लेकिन यहां पहुंचने के बाद भी उनकी जिंदगी को लेकर जद्दोजहद जारी है। सरकार द्वारा संक्रमण कम करने को लेकर उठाए गए एहतियाती उपायों के दौरान दूसरे शहरों में बसे तमाम प्रवासी किसी भी हालत में अपने घरों तक पहुंचना चाह रहे हैं। कुछ लोग तो अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर पैदल निकल पड़े हैं।
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अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दिल्ली से बिहार के सुपौल पैदल चलकर आने वाली एक गर्भवती महिला किसी तरह सुरक्षित गोपालगंज तक तो पहुंच गई लेकिन जब प्रसव पीड़ा प्रारंभ हुई तो परेशानी बढ़ गई। बाद में हालांकि महिला सदर अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
कोई साधन नहीं मिला तो निकल पड़े पैदल
दिल्ली में सब्जी का कारोबार करने वाला बिहार के सुपौल जिले के बलहां गांव निवासी संदीप यादव लॉकडाउन के दौरान अपनी गर्भवती पत्नी के साथ दिल्ली में फंसा था। वह अपने 3 साल की बच्ची और गर्भवती पत्नी के साथ गांव जाना चाह रहा था, लेकिन जब कोई साधन नहीं मिला, तब वे सब पैदल ही बिहार जाने का फैसला ले लिया।
परेशानी से भरा था सफर
संदीप बताते हैं, गर्भवती पत्नी रेखा देवी के साथ यह सफर परेशानी भरा रहा। रास्ते में उसे एक ट्रक वाले ने जरूर सहारा दिया, लेकिन ट्रक में ही जब पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी, तब वह भी डर गया और उसने हम सबों को गाड़ी से उतार दिया और सड़क पर बेसहारा छोड़कर चला गया। इसके बाद संदीप किसी तरह गोपालगंज में उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा पर बलथरी चेक पोस्ट के पास पहुंचा। संदीप बताते हैं कि उसने अपनी स्थिति की जानकारी गोपालगंज जिलाधिकारी को दी। जिलाधिकारी अरशद अजीज ने तत्काल मेडिकल टीम भेजकर रेखा को गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती करवाया।
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संदीप ने बताया, अस्पताल आते ही पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन कोरोना वायरस के डर की वजह से कोई भी अस्पतालकर्मी उसके पास जाने से डर रहा था। संदीप जिलाधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकी सूचना जब जिलाधिकारी को हुई तब उसने अस्पतालकर्मियों को फटकार लगाई। चिकित्सकों के मुताबिक, अस्पताल में अभी जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
संदीप को हालांकि अब परिवार की चिंता सता रही है की अब किस तरह से अपने गांव पहुंचेंगे। वर्तमान में यह परिवार नवजात बच्ची का नाम सृष्टि रखने का फैसला किया है। संदीप ने बताया कि उसकी चार बेटियां पहले से हैं। अब पांच बेटी हो गई। संदीप हालांकि इस स्थिति में भी भगवान पर भरोसा रखे हुए हैं। वह कहता है कि भगवान जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे।