बिहार: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 84 की मौत, लू ने भी ली 30 की जान
बिहार: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 84 की मौत, लू ने भी ली 30 की जान
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पहुंचे बिहार
- बिहार में चमकी बुखार और लू का कहर जारी
- मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा- आपातकालीन स्थिति की तुलना में बेड और ICU का अभाव
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में चमकी बुखार के साथ-साथ भीषण गर्मी और लू का कहर भी जारी है। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। चमकी बुखार की चपेट में आने से अब तक करीब 84 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं लू की वजह से 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। रविवार को श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने मौत के आंकड़ों की जानकारी दी।
Bihar: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan reaches Sri Krishna Medical College Hospital in Muzaffarpur, to review the situation prevailing due to the outbreak of Acute Encephalitis Syndrome (AES). Death toll due to AES has risen to 80 in Muzaffarpur. pic.twitter.com/sppPkaQbvt
— ANI (@ANI) June 16, 2019
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे। डॉ. हर्षवर्धन और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने यहां मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने गया में लू से हुई 12 लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हीट स्ट्रोक के कारण लोगों की मौत हो रही है। मैं लोगों को तापमान कम होने तक घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह देता हूं। तेज गर्मी से मस्तिष्क प्रभावित होता है और विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।
Union Health Min Dr Harsh Vardhan in Patna on death of 12 ppl due to heat stroke in Gaya:It"s very unfortunate that ppl have died due to heat stroke.I advise ppl to avoid moving out of house till temperature reduces.Intense heat affects brainleads to various health issues.#Bihar pic.twitter.com/B6AWRiDlNN
— ANI (@ANI) June 16, 2019
चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर बिहार के मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा, सरकार इस पर शुरू से ही काम कर रही है। दवाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन वर्तमान में आपातकालीन स्थिति की तुलना में बेड और आईसीयू का अभाव है। वहीं मुजफ्फपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने बताया, यहां कोई व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे बच्चों की मौत हो रही है। आधी रात के बाद से ही कोई डॉक्टर नहीं हैं, केवल कुछ नर्स ड्यूटी पर हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवार को चार लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्राशसन और डॉक्टरों को बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए भी कहा है।
Bihar CM Nitish Kumar announces an ex-gratia of Rs 4 Lakh each to families of the children who died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. He has also given directions to health dept, dist admn doctors to take necessary measures to fight the disease.(file pic) pic.twitter.com/u3k6HyjNBK
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बता दें कि, 15 साल तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वालों में ज्यादा बच्चे 1 से 7 साल की उम्र के बीच के हैं। इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में कंपन (चमकी) होना है।
वहीं शनिवार को बिहार के गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में गर्मी से 12 लोगों की मौत हो गई। गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया, मरने वाले 12 में से 7 लोग गया के हैं, 2 औरंगाबाद, 1 चतरा, 1 शेखपुरा और 1 नवादा के हैं। 25 मरीज अभी भी भर्ती हैं। जिलाधिकारी ने बताया, अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। 6 वरिष्ठ डॉक्टर और 10 इंटर्न को तैनात किया गया है।
Bihar: 12 people died due to heat stroke at Anugrah Narayan Magadh Medical College in Gaya. DM says "Out of the 12, 7 were from Gaya, 2 from Aurangabad, 1 from Chatra, 1 from Sheikhpura and 1 from Nawada. 25 patients are admitted here, efforts on to bring them back to normalcy." pic.twitter.com/S8FXO25yWR
— ANI (@ANI) June 15, 2019
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को बिहार के कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा। औरंगाबाद में अधिकतम तापमान 43 डिग्री और गया में 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।