अयोध्या विवाद पर SC ने कहा, मध्यस्थता कामयाब नहीं, 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई

अयोध्या विवाद पर SC ने कहा, मध्यस्थता कामयाब नहीं, 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-02 08:54 GMT
हाईलाइट
  • 6 अगस्त से इस मामले में रोज होगी सुनवाई
  • अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता विफल साबित हुई - सुप्रीम कोर्ट
  • अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सीलंबद लिफाफे में सौंपी गई मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद कहा कि इस मामले पर 6 अगस्त से रोज सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता कमेटी की सभी कोशिश विफल रही हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट हफ्ते में पांच दिन काम करती है। इन पांच दिनों में सोमवार और शुक्रवार को नए मामले सुने जाते हैं। ऐसे में इस मामले में हफ्ते में सिर्फ तीन दिन यानी मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही नियमित सुनवाई होगी। गौरतलब है कि कि मंदिर विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। 

अयोध्या विवाद पर कुछ पक्षकारों ने कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर कहा था कि बातचीत के ज़रिए हल निकालने की हो रही कोशिश में सही तरक्की नहीं हो रही है। इसको आगे बढ़ाना सिर्फ समय की बर्बादी है। इसलिए, प्रक्रिया बंद कर दोबारा सुनवाई शुरू की जाए। सुनवाई से पहले गुरुवार को मध्यस्थता कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। जिस पढ़कर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। 

पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि उसे तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की एक रिपोर्ट मिली है, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफ. एम. आई. कलीफुल्ला कर रहे हैं। पैनल के अन्य दो सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं। अदालत ने फिलहाल रिपोर्ट की विषयवस्तु के प्रकाशन पर रोक लगा दी है, क्योंकि पैनल महीने के अंत तक मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखेगा। शीर्ष अदालत ने आठ मार्च को आम सहमति के जरिए अयोध्या मसले को हल करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था। 

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था- अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला।

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