नाबालिग को कैसे बनाना है हवस का शिकार, इस आश्रम में बनी थी योजना
नाबालिग को कैसे बनाना है हवस का शिकार, इस आश्रम में बनी थी योजना
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पांच साल बाद आखिरकार आसाराम के खिलाफ जोधपुर कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुना दिया। जिस पीड़िता की रिपोर्ट पर आसाराम को सजा हुई, वो छिंदवाड़ा स्थित आसाराम गुरुकुल की छात्रा थी। उसने 9 वीं से 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई गुरुकुल में रहकर ही पूरी की। उसका छोटा भाई भी गुरुकुल का ही छात्र था। छिंदवाड़ा में ही पीड़िता को हवस का शिकार बनाने की योजना बनी थी। आसाराम के साथ जिन दो सहयोगियों को सजा सुनाई गई है, उन्होंने भी छिंदवाड़ा गुरूकुल में काफी समय तक सेवाएं दी।
छिंदवाड़ा से ले जाया गया था जोधपुर
आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली 16 वर्षीय पीड़िता आसाराम गुरुकुल छिंदवाड़ा में कक्षा 12 वीं की छात्रा थी। पीड़िता और उसका भाई पिछले तीन साल से गुरुकुल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। छिंदवाड़ा गुरूकुल से ही पीडि़ता को जोधपुर ले जाया गया था। पीड़िता ने जिस समय आसाराम के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई, उस समय उसका भाई गुरुकुल में ही रह रहा था। परिजनों के कहने पर छिंदवाड़ा पुलिस ने उसे गुरुकुल से निकाल कर पिता को सौंप दिया था।
ये भी पढ़ें : आसाराम की डर्टी पिक्चर के दो मुख्य किरदार, जानिए कौन हैं शिल्पी और शरदचंद्र
शिल्पी और शरद के साथ जोधपुर गई थी पीड़िता
आसाराम के दो निकट सहयोगियों शिल्पी गुप्ता और शरदचंद्र को भी 20-20 साल की सजा दी गई है। शिल्पी गुप्ता घटना के समय गुरूकुल गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन थी, जबकि शरद गुरूकुल का प्रमुख सेवादार था। शिल्पी पर आरोप है कि शिल्पी ने ही पीडि़ता को विशेष अनुष्ठान के लिए जोधपुर जाने के लिए प्रेरित किया और शरदचंद्र के साथ पीड़िता और उसके परिजनों को लेकर जोधपुर गई थी।
आश्रम, गुरूकुल में तैनात रहा पुलिस बल
सजा सुनाए जाने वाले दिन बुधवार सुबह से ही एसपी गौरव तिवारी के निर्देश पर खजरी स्थित आसाराम गुरूकुल, आश्रम और शक्ति हाउस में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। आसाराम गुरूकुल छिंदवाड़ा के प्रबंधन ने गेट पर एक तख्ती लगा दी थी। जिस पर लिखा था कि मीडियाकर्मी पूछताछ के लिए संपर्क नहीं करें। शक्ति हाउस में आसाराम के समर्थक दिन-भर हवन-पूजन व प्रार्थना में जुटे रहे।
50 एकड़ में फैला है आश्रम व गुरूकुल
लगभग 50 एकड़ में फैले खजरी में स्थित आसाराम आश्रम में कृषि भूमि और गोशाला भी है। गुरुकुल शक्ति हाउस की भूमि पर बनाया गया है। यहां गुरुकुल के साथ-साथ बालक व कन्या छात्रावास एवं साधना केंद्र भी हैं।