चंद्रयान-2 पर टिकी दुनिया भर की नजरें, लैंडिंग के वक्त कैमरे में कैद नहीं होगा 'विक्रम'
चंद्रयान-2 पर टिकी दुनिया भर की नजरें, लैंडिंग के वक्त कैमरे में कैद नहीं होगा 'विक्रम'
- कोई भी एक्सटर्नल कैमरा विक्रम को कैप्चर करने के लिए वहां मौजूद नहीं होगा
- चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम देर रात चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा
- लैंडिंग के वक्त कैमरे में कैद नहीं होगा 'विक्रम'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम देर रात चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा। इसकी लैंडिंग पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई है। हालांकि जो लोग विक्रम की लैंडिंग देखने का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए यह बात थोड़ी निराश करने वाली होगी कि वह इस घटना का वीडियो नहीं देख पाएंगे। ऐसा इसीलिए क्योंकि कोई भी एक्सटर्नल कैमरा लैंडिंग को कैप्चर करने के लिए वहां मौजूद नहीं होगा।
मुख्य अंतरिक्ष यान पर लगा कैमरा भी विक्रम की लैंडिंग के समय इस स्थिति में नहीं होगा कि वह उसे कैप्चर कर सके। जबकि लैंडर विक्रम अपने कैमरे का उपयोग खुद को शूट करने के लिए नहीं कर सकता है। हालांकि, चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग" सुनिश्चित करने के लिए तीन कैमरे-लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा, लैंडर होरिजोंटल विलोसिटी कैमरा और लैंडर हजार्डस डिटेक्शन एंड अवोयडेंस कैमरा लगे हैं जो लैंडिंग के समय चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेंगे।
लैंडिंग के बाद कुछ घंटों के लिए पूरी तरह से ब्लैकआउट की स्थिति होगी और कोई इमेज लैंडर के लिए भेज पाना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि लैंडिंग से चंद्र की सतह पर बहुत अधिक धूल पैदा होगी। दरअसल, चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बहुत कम है, इस धूल को बैठने में कुछ समय लगेगा। यही कारण है कि लैंडिंग के कुछ घंटों बाद ही प्रज्ञान रोवर लैंडर मॉड्यूल से बाहर निकल पाएगा।
एक बार जब प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर बाहर निकल जाएगा, तो ISRO लैंडर और रोवर दोनों की तस्वीरों को देखने में सक्षम होगा। इन दोनों मॉड्यूल में कैमरे लगे हैं और एक दूसरे की तस्वीर ले सकते हैं। प्रज्ञान केवल विक्रम लैंडर के साथ कम्यूनिकेट कर सकता है, जबकि विक्रम पृथ्वी पर कम्यूनिकेट कर सकेगा।
बता दें कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 1.30 से 2.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा। रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से सुबह 5.30 से 6.30 के बीच बाहर आएगा। अगर भारत अपने इस मिशन में कामयाब हो जाता है तो वह अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा। जबकि चंद्रमा के साउथ पोल पर अपने यान को लैंड कराने वाला भारत पहला देश होगा।